प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन की समेकित नीति होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग की कमेटी ने गुरुवार को बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया।
प्रस्तावित नीति में कमेटी मानवीय पहलुओं पर गौर करते हुए असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों या अगर शिक्षक के आश्रित असाध्य रोग से पीड़ित होंगे, तो उन्हें राहत देने पर गौर किया।
ऐसे शिक्षक को उनकी सुविधा के हिसाब से पदस्थापन हो। अगर पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं, तो दोनों की पोस्टिंग एक विद्यालय में संभव नहीं हो, तो अगल-बगल के विद्यालय में अवश्य हो।
शिक्षा विभाग तय कर रहा नीति
शिक्षा विभाग की कमेटी की पहली बैठक में शिक्षकों के स्थानांतरण- पदस्थापन की वर्तमान नीतियों पर गौर किया गया। शिक्षकों के स्थानांतरण- पदस्थापन की प्रस्तावित नीति तय करने के साथ ही कमेटी को बिहार शिक्षा सेवा (प्रशासन उप संवर्ग) के कैडर का पुनर्गठन, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एवं सरकारी स्कूलों की अवकाश तालिका के निर्धारण की नीति भी तय करनी है।
शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी
बता दें कि यह कमेटी शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बनी है। इसके सदस्यों में बहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक एवं माध्यमिक शिक्षा
निदेशक शामिल हैं। पहले से तय सभी बिन्दुओं पर कमेटी जल्द शिक्षा विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। इस बात के संकेत मिले हैं कि कमेटी सभी कोटि के शिक्षकों के स्थानांतरण-पदस्थापन की नीतियों पर गौर करते हुए एक समेकित नीति तय करेगी।
राज्य के सरकारी विद्यालयों में वर्तमान में तीन कोटि के शिक्षक हैं, लेकिन सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की पोस्टिंग के बाद चार कोटि के शिक्षक हो जायेंगे।
पहली कोटि में पुराने वेतनमान वाले सहायक शिक्षक हैं। इनमें चौंतीस हजार पांच सौ चालीस कोटि के शिक्षक भी हैं। इनमें प्रारंभिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों का जिला संवर्ग है एवं माध्यमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों का प्रमंडलीय संवर्ग है।
जिला संवर्ग के सहायक शिक्षकों के पदस्थापन वाले जिले के अंदर तथा माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के पदस्थापन वाले प्रमंडल के जिलों में स्थानांतरण के प्रविधान हैं।
ऐसे पूरी की जाएगी प्रक्रिया
जिला एवं प्रमंडल से बाहर स्थानांतरण लेने की स्थिति में उन्हें वरीयता खोनी पड़ती है। दूसरी कोटि नियोजित शिक्षकों की है। नियोजित शिक्षकों के अपने नियोजन इकाई के अंदर ही स्थानांतरित किये जाने के प्रविधान हैं।
हालांकि, महिला एवं दिव्यांग नियोजित शिक्षकों के अंतरजिला व नियोजन इकाई के बाहर स्थानांतरण का प्रावधान भी किया गया. लेकिन उसका कार्यान्वयन अब तक नहीं हुआ है।
तीसरी कोटि में बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा पर नियुक्त विद्यालय अध्यापक हैं, जो दो वर्षों की परीक्ष्यवान अवधि में हैं। और, सक्षमता परीक्षा पास कर चुके शिक्षक चौथी कोटि के हैं, जो पदस्थापित किये जाने वाले विद्यालय में की तिथि से विशिष्ट शिक्षक बन जाएंगे।
0 Comments