13 राउंड की काउंटिंग पूरी होने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने 8246 वोटों से जीत दर्ज की. शंकर सिंह को कुल 68070 वोट मिले, जबकि जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल दूसरे स्थान पर रहे. कलाधर मंडल को 59824 वोट मिले, जबकि 30619 वोटों के साथ आरजेडी की बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं.
बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है. रुपौली सीट से निर्दलीय कैंडिडेट शंकर सिंह ने जीत हासिल की है. उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती और एनडीए कैंडिडेट कलाधर प्रसाद मंडल (जेडीयू) को हराया है. ये वही शंकर सिंह हैं, जिन्होंने साल 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (तब एलजेपी) के टिकट पर रुपौली सीट से जीत हासिल की थी और आरजेडी और एनडीए को शिकस्त दी थी.
बता दें कि इस बार चिराग पासवान ने शंकर सिंह को टिकट नहीं दिया है, इस वजह से उन्होंने बगावत की और निर्दलीय ताल ठोक दी. अपने फैसले को न केवल उन्होंने सही साबित किया, बल्कि 19 साल बाद फिर से इतिहास दोहरा दिया है.13 राउंड की काउंटिंग पूरी होने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने 8246 वोटों से जीत दर्ज की. शंकर सिंह को कुल 68070 वोट मिले, जबकि जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल दूसरे स्थान पर रहे. कलाधर मंडल को 59824 वोट मिले, जबकि 30619 वोटों के साथ आरजेडी की बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं.
निर्दलीय कैंडिडेट ने आरजेडी-जेडीयू को हराया
एक तरफ जहां सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड की अगुवाई वाला एनडीए था, तो दूसरी तरफ आरजेडी की अगुवाई वाला महागठबंधन. लेकिन निर्दलीय शंकर सिंह को कोई हरा नहीं पाया. निर्दलीय होने के बावजूद उन्होंने अच्छे मार्जिन से जेडीयू कैंडिडेट कलाधर मंडल को हरा दिया. वहीं, 5 बार की विधायक बीमा भारती को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती को पूर्णिया सांसद पप्पू यादव का समर्थन भी हारने से बचा नहीं पाया.
बाहुबली छवि के नेता हैं शंकर सिंह
बाहुबली छवि के शंकर सिंह अपने इलाके में काफी लोकप्रिय हैं. बीमा भारती के पति अवेधश मंडल भी बाहुबली हैं. जब भी दोनों के बीच आमने-सामने की लड़ाई होती थी (2005 को छोड़ दिया जाए) तो हमेशा अवधेश और बीमा भारती ही उन पर भारी साबित हुए, लेकिन इस बार निर्दलीय ही शंकर सिंह ने अपने 'बाहुबल' से सत्ता और विपक्ष दोनों को धूल चटा दी. बता दें कि शंकर सिंह ने कभी अपने समुदाय की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी गैंग का गठन किया था.रुपौली विधानसभा सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीतने वाले शंकर सिंह बाहुबली छवि के नेता माने जाते हैं. वह कथित रूप से लिबरेशन आर्मी नामक गिरोह चलाते हैं और इस गिरोह में वह अध्यक्ष के पद पर हैं, इसलिए इलाके में वह अध्यक्ष के नाम से भी मशहूर हैं. चुनाव में दिए गए शपथपत्र के मुताबिक शंकर सिंह के खिलाफ 19 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.
पहले LJP से चुनाव जीत चुके हैं शंकर सिंह
साल 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह ने रामविलास पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. हालांकि नवंबर 2005 के चुनाव में उन्हें बीमा भारती से हार का सामना करना पड़ा था. अगड़ी जाति (राजपूत) से आने वाले शंकर सिंह की गंगौता समाज से आने वाली बीमा भारती के बाहुबली पति अवधेश मंडल से वर्चस्व की लड़ाई चलती रही है.शंकर सिंह का चुनावी इतिहासरूपौली विधानसभा से शंकर सिंह का लगाव काफी पुराना है, फरवरी 2005 विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह ने बतौर लोजपा उम्मीदवार बीमा भारती को हराया था. लोजपा उम्मीदवार शंकर सिंह को तब 25 717 वोट मिले थे. वर्ष 2010 विधानसभा चुनाव में बीमा भारती से शंकर सिंह हार गए थे. इन्हें तब 27 171 मत मिले जबकि बीमा भारती को 64, 887 मत मिले थे। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह को 34783 वोट मिले थे, जबकि साल 2020 के विधानसभा में शंकर सिंह निर्दलीय लड़े लेकिन बीमा भारती से हार गए. तब बीमा भारती को 64374 वोट मिले और शंकर सिंह को 44994 वोट मिले.
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