सहरसा, 31 अगस्त: मंडल कारा सहरसा में विचाराधीन बंदी प्रमोद कुमार शर्मा की शनिवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई, जिससे प्रशासनिक और कानूनी हलकों में हलचल मच गई है। प्रमोद कुमार शर्मा कटिहार जिले के कुरसैला थाना क्षेत्र के समेली वार्ड 26 का निवासी था और सदर थाना कांड संख्या-884/24 के तहत 27 अगस्त को कारा में प्रवेश किया था।
जानकारी के अनुसार, जब प्रमोद कुमार शर्मा का कारा में दाखिला हुआ, तो उसकी शारीरिक स्थिति असामान्य थी। बंदी के शरीर में कम्पन्न और अन्य चिकित्सा समस्याएं देखी गईं, जिसके चलते उसे पहले ही सदर अस्पताल सहरसा में भर्ती किया गया था। अस्पताल में उसकी जांच के बाद उसे उपचार के लिए भर्ती किया गया था। 29 अगस्त को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया और वह कारा में वापस लौट आया। लेकिन 30 अगस्त को उसकी स्थिति फिर से बिगड़ गई, और उसे पुनः सदर अस्पताल भेजा गया, जहाँ शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई।
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनके रिश्तेदार के साथ प्रताड़ना की गई थी, और कारा प्रशासन की लापरवाही के चलते उसकी मौत हुई। इस आरोप के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल जाकर मामले की जांच की मांग की।
सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रमोद कुमार शर्मा की मौत का कारण उसकी पहले से मौजूद बीमारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और हर संभावित पहलू की जांच की जाएगी।
मंडल कारा प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्थापित दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि प्रमोद कुमार शर्मा की मृत्यु के बाद आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इनक्वेस्ट और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
इस घटना ने मंडल कारा सहरसा की चिकित्सा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की एक बार फिर समीक्षा की मांग को जन्म दिया है, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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