सहरसा, 30 अगस्त 2024: सहरसा में एक लापता लड़की के मामले को लेकर शुक्रवार को परिजनों और पुलिस के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। लड़की के पिता बिष्णुदेव के अनुसार, उनकी बेटी दो महीने पहले लापता हो गई थी और इस संबंध में उन्होंने महिषी थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद, बिष्णुदेव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़की को खोजने के लिए उनसे पैसे की मांग की। इस समस्या को लेकर उन्होंने एसपी और डीएम से भी शिकायत की।
घटनाक्रम के अनुसार, महिषी थाना द्वारा लड़की की तलाश में उठाए गए कदमों की स्थिति में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। पुलिस ने मामला कोर्ट में पेश किया, लेकिन वहां भी लड़की को परिजनों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। अंततः, पुलिस ने लड़की को मेडिकल परीक्षण के लिए सदर अस्पताल ले जाया, जहां परिजनों और पुलिस के बीच नोक झोंक हुई।
सदर थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार ने मामले की जानकारी लेते हुए कहा कि महिषी थाना की पुलिस ने एक लड़की को बरामद किया है, लेकिन लड़की ने अपने परिजनों से मिलने की इच्छा नहीं जताई है। इस स्थिति को लेकर पुलिस और परिजनों के बीच कुछ झगड़ा हुआ है।
अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। हालांकि, परिजनों से फिर भी पैसों की मांग की गई। अंततः, परिजनों ने थाना में पदस्थ एएसआई सुष्मिता को 20,000 रुपये दिए। इसके बाद, एएसआई सुष्मिता और उनकी टीम ने गुजरात जाकर लड़की को बरामद किया और सहरसा लौटे।
जब लड़की के परिजन थाना पहुंचे और उससे मिलने की कोशिश की, तो उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इस घटना से परिजनों में और भी नाराजगी और तनाव बढ़ गया।
इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, स्थानीय निवासियों ने पुलिस के इस व्यवहार की आलोचना की और मांग की कि मामले की पूरी जांच की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाने में लापरवाही की और इससे परिजनों को मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ा।
पुलिस की ओर से कहा गया कि मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है और लड़की की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। एसपी और डीएम ने भी मामले की जांच की बात की और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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