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चंद्रा टाइम्स

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हिंदी पखवाड़ा सह दिनकर जयंती: हिंदी की वैश्विक भूमिका और रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में विशेष आयोजन



मधेपुरा, 24 सितंबर। भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सोमवार को  हिंदी पखवाड़ा सह दिनकर जयंती के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा की महत्ता को समझना, उसकी वैश्विक परिदृश्य में भूमिका पर विचार-विमर्श करना, और हिंदी साहित्य के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना था।

हिंदी भाषा और दिनकर की महिमा

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय विधायक आलोक रंजन ने उपस्थित होकर हिंदी प्रेमियों को संबोधित किया। अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने हिंदी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हिंदी न केवल हमारी राष्ट्रभाषा और राजभाषा है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा की वाहक भी है। हिंदी भाषा ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोया है और अब वैश्विक मंच पर भी अपनी पहचान बना रही है।" उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर के योगदान की भी सराहना की, जिनकी रचनाओं ने भारतीय समाज में साहित्यिक चेतना जगाई और स्वतंत्रता संग्राम के समय में लोगों को प्रेरित किया।

विधायक आलोक रंजन ने इस मौके पर हिंदी भाषा के सेवक शिक्षकगण एवं रचनाकारों को सम्मानित करते हुए उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि हिंदी शिक्षकों और साहित्यकारों का समर्पण और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।


फोटो : दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते अतिथि

प्रमुख वक्ताओं का योगदान

कार्यक्रम में रमेश झा महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. उषा सिन्हा ने मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, "हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, यह हमारे विचारों और भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है। हिंदी साहित्य के माध्यम से हमने जीवन के हर पहलू को समझा और व्यक्त किया है।" उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर को साहित्यिक योद्धा के रूप में याद किया और उनकी कविताओं की प्रासंगिकता पर चर्चा की।

विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ. देवनारायण पासवान देव, डॉ. पवन कुमार और डॉ. नरेंद्र प्रसाद यादव ने भी हिंदी की सामर्थ्य और दिनकर के साहित्य पर अपने विचार रखे। हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. लाला प्रवीण कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए हिंदी के बढ़ते वैश्विक प्रभाव की चर्चा की और आने वाली पीढ़ियों को इस दिशा में प्रेरित किया।



हिंदी प्रश्नोत्तरी और सम्मान समारोह

कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित हिंदी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में बसोना की छात्रा चांदनी कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया। इस प्रतियोगिता ने छात्रों के बीच हिंदी के प्रति रुचि और ज्ञानवर्धन का मार्ग प्रशस्त किया।

समारोह के समापन पर विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों और साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों और विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा के प्रति अपना प्रेम और समर्पण व्यक्त किया।













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