अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की सहरसा इकाई ने जिले के महाविद्यालयों में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता, भ्रष्टाचार और बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर महाविद्यालयों के प्राचार्यों को ज्ञापन सौंपा।
अभाविप के प्रांत सह मंत्री मनीष चौपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों द्वारा नई शिक्षा नीति (CBCS) के संबंध में शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए वर्कशॉप का आयोजन नहीं किया गया है, जिससे सभी को नए पाठ्यक्रम को समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के संकल्प पत्र और उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि एससी-एसटी और छात्राओं से नामांकन के समय किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद महाविद्यालयों में अवैध वसूली की जा रही है।
अभाविप जिला सह संयोजक कृष्णकांत गुप्ता ने महाविद्यालय परिसरों में शुद्ध पेयजल, प्रयोगशालाओं, वाई-फाई, और जिम जैसी सुविधाओं की कमी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के लिए कॉमन रूम की भी समुचित व्यवस्था नहीं है, और जहां है भी, वह नियमित रूप से नहीं खुलता।
कॉलेज उपाध्यक्ष गणेश यादव ने बताया कि आईडी कार्ड के नाम पर भी छात्रों से अवैध पैसे वसूले जा रहे हैं, जबकि पुस्तकालय में नई शिक्षा नीति से संबंधित कोई भी पुस्तक उपलब्ध नहीं है।
इस दौरान आर एम कॉलेज मंत्री रितेश कुमार और एसएमएस कॉलेज उपाध्यक्ष वरुण गुप्ता सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। अभाविप ने महाविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं, तो आगे आंदोलन किया जाएगा।
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