सहरसा के प्रसिद्ध मत्स्यगंधा झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना में एक महत्वपूर्ण कदम बुधवार को उठा। पर्यटन विभाग की दो सदस्यीय टीम, जिसमें मिसवाउद्दीन अंसारी और विनोद प्रसाद सिंह शामिल थे, ने झील का गहन निरीक्षण किया। इस मौके पर स्थानीय भाजपा विधायक आलोक रंजन, सदर एसडीएम प्रदीप कुमार झा, कहरा अंचलाधिकारी अनिल कुमार समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
विधायक आलोक रंजन ने बताया कि एक महीने पहले उन्होंने राज्य के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा से मुलाकात कर मत्स्यगंधा झील के सौंदर्यीकरण और विकास की मांग की थी। मंत्री ने वादा किया था कि एक महीने के भीतर विभाग की टीम भेजी जाएगी, और उसी के तहत यह निरीक्षण किया गया।
अब, इस टीम की रिपोर्ट के बाद झील का कायाकल्प शुरू होगा। प्रस्तावित योजनाओं में झील के चारों ओर बाउंड्री बनाना, जल भराव को बेहतर करना, झील के बीचो-बीच एक पूल का निर्माण, पानी के फव्वारे और लाइट एवं म्यूजिक सिस्टम जैसी सुविधाओं का विकास शामिल है। इसके अलावा, रेलवे लाइन के किनारे सड़क निर्माण और झील के पास सीढ़ियों का निर्माण भी किया जाएगा ताकि छठ पूजा के दौरान स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
विधायक ने कहा कि सहरसा विधानसभा के विकास को लेकर वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पहले भी उन जमीन मालिकों को मुआवजा दिलाने का काम किया था, जिनकी जमीन पर झील का निर्माण हुआ था। अब, मत्स्यगंधा झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि सहरसा को भी एक नए पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिलेगी।
इस अवसर पर उपस्थित मंदिर व्यवस्थापक हीरा प्रभाकर और नौका विहार संवेदक अमृतराज ने झील के पास स्थित रक्त काली मंदिर के रंग-रोगन की मांग की, जिसे विधायक ने शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। सदर एसडीओ प्रदीप कुमार झा ने भी दुर्गा पूजा से पहले मंदिर के रंग-रोगन का कार्य पूरा कराने का भरोसा दिलाया।
मत्स्यगंधा झील के विकास के साथ, सहरसा जिले का पर्यटन उद्योग एक नई दिशा में बढ़ेगा, और यह क्षेत्र आने वाले दिनों में पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन सकता है।
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