सहरसा समाचार: बारिश से जलमग्न शहर, विकास की आस अधूरी
सहरसा न्यूज़ | Saharsa News
27 सितंबर, सहरसा: सहरसा के लोग गर्मियों में बिजली विभाग की समस्याओं से जूझते हैं और बारिश के दौरान जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से। जब चुनाव का समय आता है, तो सहरसा में या तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर आते हैं या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। लेकिन सच्चाई यह है कि सहरसा में जितना विकास कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ, आज भी विकास उसी सीमा तक सिमटा हुआ है।
सहरसा के विकास पर सवाल
कई सालों से सहरसा में राजद और बीजेपी की सरकारें आईं, लेकिन शहर का विकास ठप पड़ा हुआ है। सहरसा के लोग सिर्फ विकास की उम्मीदें लगाए बैठे हैं, लेकिन हकीकत में स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया। सहरसा में हाल के दिनों में विकास के नाम पर बड़े वादे तो जरूर हुए हैं, पर ज़मीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिखता।
लगातार बारिश से सहरसा जलमग्न
सहरसा शहर में बीते दिन से हो रही लगातार बारिश ने शहर को मानो एक टापू में बदल दिया है। डीबी रोड से लेकर पॉलीटेक्निक कॉलोनी तक, गांधी पथ, मीर टोला, सहरसा बस्ती, नया बाजार जैसी जगहों पर हालत यह है कि 50 मीटर की सड़क भी पैदल चलने लायक नहीं बची है। जलभराव और कीचड़ ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है।
सहरसा में विकास की कमी
चंद्रा टाइम्स न्यूज़ के अनुसार, शहर में बारिश और जलजमाव की यह समस्या कोई नई नहीं है। हर चुनाव से पहले विकास के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन सहरसा के लोग आज भी उन वादों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
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