सहरसा, सहरसा शहर के पूरब बाजार स्थित पूर्वांचल दुर्गा मंदिर में पिछले लगभग 60 वर्षों से भक्तिभाव के साथ आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जा रही है। यह मंदिर एमएलटी कॉलेज गेट के निकट मुख्य सड़क पर स्थित है और 1965 से लगातार यहां पूजा का सिलसिला जारी है।
मंदिर की स्थापना की शुरुआत पहले कालेज के प्राचार्य के आवास के समीप हुई थी, जहां हरिनंदन सिंह, बैजनाथ सिंह, सिहेंश्वर सिंह, अमरेन्द्र मिश्र और सुधीर वर्मा जैसे स्थानीय लोगों ने मिलकर पूजा की शुरुआत की। समय के साथ, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई, जिससे मंदिर के लिए एक पक्के भवन की आवश्यकता महसूस हुई।
1990 के दशक में इस पक्के मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, जो पूरा होने में लगभग आठ वर्ष लगे। अंततः 1998 में मां दुर्गा की भव्य संगमरमर की प्रतिमा को वैदिक रीति-रिवाज के साथ स्थापित किया गया। Durga Mandir, College Gate Saharsa मंदिर कमिटी ने विशेष रूप से बनारस से पंडितों को बुलाकर पूजा कराने की व्यवस्था की।
दोपहर और शाम को होने वाली पूजा और आरती के दौरान बंगाल के ढाक बजाने वाले कलाकारों की मौजूदगी यहां एक अलग ही माहौल पैदा करती है। सामान्य दिनों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, जबकि नवरात्र के दौरान तो मंदिर में काफी भीड़ रहती है।
यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सहरसा के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर भी बन चुका है। श्रद्धालुओं की अटूट आस्था और समर्पण से यह मंदिर हर साल भक्तों का स्वागत करता है।
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