रविवार को मधेपुरा जिले के व्याहुत पंचायत समिति के तत्वावधान में शहर के गोलबाजार स्थित व्याहुत भवन परिसर में बलभद्र पूजनोत्सव की भव्य और दिव्य धूमधाम से शुरुआत की गई। इस अवसर पर मुरलीगंज के व्याहुत कलवार समुदाय द्वारा निकाली गई शोभायात्रा ने पूरे शहर को अपने रंग-बिरंगे और जीवंत वातावरण से सजाया।
बलभद्र पूजनोत्सव के आयोजन के तहत, श्रद्धालुओं ने सुबह-सुबह ही व्याहुत भवन परिसर में एकत्र होना शुरू कर दिया था। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण था भव्य रथयात्रा, जिसमें भगवान बलराम और कृष्ण के प्रतीकात्मक रूप से सजाए गए रथ को लेकर श्रद्धालु उमड़ पड़े थे। रथ पर भगवान बलराम और कृष्ण की मूर्तियाँ सजी हुई थीं, और रथ की सवारी करने वाले भक्तों ने पीले रंग के वस्त्र पहन रखे थे।
शोभायात्रा की शुरुआत व्याहुत भवन परिसर से हुई, जहां से रथ यात्रा ने पूरे मुरलीगंज में यात्रा की। गाजे-बाजे और ध्वनि प्रदूषण से भरी इस शोभायात्रा ने पूरे शहर को अपनी आवाज और ऊर्जा से भर दिया। भीड़ में शामिल श्रद्धालु उत्सव के पारंपरिक गानों पर थिरकते हुए नजर आए, और जगह-जगह फूलों की बारिश कर यात्रा का स्वागत किया गया।
पूजनोत्सव के आयोजकों ने इस वर्ष के कार्यक्रम को विशेष बनाने के लिए कई विशेष उपाय किए थे। कार्यक्रम स्थल को सजाने के लिए रंगीन झाड़-फानूस और लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी, जिससे वातावरण और भी आकर्षक हो गया। इसके अलावा, स्थानीय भोजन stalls, सांस्कृतिक प्रदर्शन, और धार्मिक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया था, जो लोगों के बीच हर्षोल्लास का कारण बने।
बलभद्र पूजनोत्सव की इस भव्य शोभायात्रा ने न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया, बल्कि स्थानीय समुदाय की एकता और सामाजिक सौहार्द को भी प्रकट किया। इस अवसर पर व्याहुत पंचायत समिति के सदस्य और स्थानीय नेताओं ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया और उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के समापन पर, आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया और आगामी वर्षों में इस उत्सव को और भी भव्य बनाने की आशा व्यक्त की। बलभद्र पूजनोत्सव ने एक बार फिर साबित कर दिया कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से समुदाय में एकता और सौहार्द को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।
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