सहरसा, नगर संवाददाता। शहर के पंचवटी चौक पर स्थित दुर्गा मंदिर में पिछले लगभग चार दशकों से धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस मंदिर में हर वर्ष मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा की स्थापना की जाती है, और नवरात्रा के दौरान विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है।
मंदिर की शुरुआत 1981 से पहले एक छोटी झोपड़ी के रूप में हुई थी, जब स्थानीय श्रद्धालुओं ने मिलकर मां दुर्गा की पूजा का आरंभ किया। धीरे-धीरे, स्थानीय लोगों के सहयोग और आस्था के साथ, यह झोपड़ी एक पक्के मंदिर में परिवर्तित हो गई। वर्ष 1990 में मंदिर का पक्का निर्माण पूरा हुआ, जिसके बाद से दुर्गा की प्रतिमा को पक्के भवन में स्थापित किया जाने लगा।
मंदिर के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वालों में संस्थापक रमेश चंद्र यादव और संचालन समिति के सदस्य चंद्रशेखर सिंह चमन, रामप्रकाश सिंह, अभय कुमार झा, पियूष रंजन और कलानंद मिश्र का नाम उल्लेखनीय है। इन सभी ने अपनी मेहनत और समर्पण से इस मंदिर को एक भव्य रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान
पंचवटी चौक का यह दुर्गा मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रमुख स्थल बन गया है। नवरात्रा के दौरान, मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है, जहाँ श्रद्धालु मां दुर्गा की आरती करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। यह पूजा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है।
भक्तों की संख्या में वृद्धि
हर साल, इस पूजा में भक्तों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। लोग दूर-दूर से यहां मां दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि यह मंदिर उनके लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ वे अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं और आस्था की ताकत को महसूस कर सकते हैं।
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