पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के पिता का निधन मंगलवार, 17 सितंबर को हुआ। हाल के दिनों में उनकी तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें पटना स्थित एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में भर्ती कराया गया था, जहाँ उनका इलाज चल रहा था। लेकिन दुर्भाग्यवश, चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और मंगलवार को उनका निधन हो गया।
पप्पू यादव के पिता के निधन की खबर से परिवार और समर्थकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है। पप्पू यादव, जो खुद बिहार की राजनीति में एक प्रमुख और चर्चित चेहरा हैं, इस समय गहरे दुख में हैं। उनके पिता का निधन परिवार के लिए एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति है, और राजनीतिक जगत से भी शोक संदेश आ रहे हैं।
परिवार के प्रति संवेदनाएँ
पप्पू यादव के पिता का निधन एक ऐसे समय में हुआ है, जब पप्पू यादव पहले से ही अपने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों के लिए व्यस्त थे। उनके पिता का जीवन एक सादा और अनुकरणीय जीवन के रूप में जाना जाता था, जिन्होंने अपने बच्चों को एक सशक्त और सच्चाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनके पिता की सादगी और समाज के प्रति समर्पण का असर पप्पू यादव के जीवन और राजनीतिक विचारधारा पर भी पड़ा।
बिहार के कई बड़े राजनीतिक नेताओं ने पप्पू यादव और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। कई नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक प्रकट किया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
अंतिम संस्कार की तैयारियाँ
पप्पू यादव के पिता के अंतिम संस्कार की तैयारियाँ चल रही हैं, और इसमें परिवार के नजदीकी सदस्य और करीबी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि अंतिम संस्कार पूर्णिया में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा, जहाँ परिवार और समर्थक उन्हें अंतिम विदाई देंगे।
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