सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में कोसी नदी के कटाव ने एक बार फिर अपनी विभीषिका दिखा दी है। रविवार को जिले के नवहट्टा प्रखंड के हाटी पंचायत में स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय का एक बड़ा हिस्सा कोसी नदी के गर्भ में समा गया। 1950 में स्थापित यह विद्यालय इस इलाके का शैक्षणिक केंद्र था और इसका अचानक कटाव में समाना स्थानीय निवासियों के लिए बड़ा झटका है। इस हादसे का वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कटाव का भयावह दृश्य स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
कोसी नदी का कटाव और उसकी चुनौती
कोसी नदी, जिसे "बिहार की शोक" भी कहा जाता है, अपने भयंकर कटाव और बाढ़ की वजह से हमेशा से एक गंभीर समस्या रही है। हर साल यह नदी अपने मार्ग में आने वाले सैकड़ों घरों, खेतों और अन्य बुनियादी संरचनाओं को निगल जाती है। इस साल का कटाव भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जिसमें न केवल दर्जनों घर, बल्कि अब एक पुराना और महत्वपूर्ण विद्यालय भी नदी में समा गया है।
1950 में स्थापित हुआ था विद्यालय
राजकीय बुनियादी विद्यालय, जो नवहट्टा प्रखंड के हाटी पंचायत में स्थित था, 1950 में स्थापित किया गया था। यह विद्यालय अपने समय का एक प्रमुख शिक्षा संस्थान था, जहां सैकड़ों छात्रों ने शिक्षा प्राप्त की। विद्यालय के कटाव की चपेट में आने से न केवल वहां पढ़ने वाले छात्रों की शिक्षा पर असर पड़ेगा, बल्कि इस इलाके के विकास पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
विद्यालय के कटाव में समाने के बाद स्थानीय लोग गहरे संकट में हैं। कई छात्रों और उनके अभिभावकों ने चिंता जताई है कि अब बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी और नए स्कूल का निर्माण कब होगा। यह क्षेत्र पहले से ही बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा था, और अब विद्यालय की इस क्षति ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
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