सहरसा में मंगलवार को एक खौफनाक वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया। बेखौफ अपराधियों ने एक बस मालिक और उसके चालक को मामूली विवाद पर निशाना बनाते हुए बीच सड़क पर जमकर पिटाई कर दी। हालात तब और बिगड़ गए जब बस मालिक को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। घटना के बाद पीड़ित बस मालिक को सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना सदर थाना क्षेत्र के सिमराहा वार्ड 05 निवासी अमित कुमार के साथ हुई, जो 'राहुल ट्रेवल्स' नामक बस के मालिक हैं। मंगलवार को उनकी बस बिहरा थाना के बिजलपुर गांव रिजर्व में गई थी और वापस सहरसा लौट रही थी। रास्ते में आरण विशनपुर के पास, सिंगल लेन सड़क पर पीछे से आ रहे बाइक सवार ने साइड नहीं मिलने पर गुस्से में आकर पहले चालक से मारपीट की। जैसे ही बस शिवपुरी के पास पहुंची और साइड मिल पाई, बाइक सवार ने रास्ता रोककर अचानक हमला कर दिया।
मामला यहीं नहीं थमा। जब बस मालिक अमित कुमार बीच-बचाव के लिए पहुंचे, तो अपराधियों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। उन पर जानलेवा हमला कर दिया और चाकू से वार किया, जो उनकी आंख के पास जाकर लगा। खून से लथपथ बस मालिक की हालत देख स्थानीय लोग भी सकते में आ गए। आनन-फानन में लोगों ने मामले को शांत कराते हुए अमित कुमार को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया।
घायल अमित कुमार ने बताया कि आरण-विशनपुर गांव के समीप सिंगल रोड होने के कारण बस अपने साइड में चल रही थी, लेकिन बाइक सवार ने गुस्से में आकर बीच सड़क पर बाइक लगा दी और बिना किसी बात के पहले चालक और फिर उनसे मारपीट करने लगा। चाकू के वार से अमित की आंख बुरी तरह जख्मी हो गई है, जिससे डॉक्टरों को उनकी आंख बचाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
इस पूरे मामले पर प्रभारी सदर थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि पीड़ित बस मालिक का बयान दर्ज कर कांड की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस अब दोषियों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की गई बाइक को जब्त कर लिया गया है, और पुलिस जल्द से जल्द दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का दावा कर रही है।
सहरसा की इस घटना ने एक बार फिर से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि सिंगल लेन की सड़कों पर चलने वाली बसों के मालिक भी अपराधियों के गुस्से से नहीं बच सकते। पुलिस की कार्रवाई पर अब सभी की नजरें टिकी हैं, क्या अपराधियों को पकड़कर कानून के कटघरे में खड़ा किया जाएगा, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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