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Saharsa : सहरसा: रामजानकी ठाकुरबाड़ी के मुख्य पुजारी विजय चौबे का निधन, शहर में शोक की लहर

 



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सहरसा: शहर के शंकर चौक स्थित प्रतिष्ठित रामजानकी ठाकुरबाड़ी के मुख्य पुजारी, 60 वर्षीय विजय चौबे का बुधवार अहले सुबह दुखद निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उनकी हालत गंभीर होने पर परिजनों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए सोमवार को पटना के आईजीआईएमएस (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में भर्ती कराया था। हालांकि, सभी चिकित्सीय प्रयास विफल साबित हुए, और बुधवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से शहर में शोक की लहर दौड़ गई है।

विजय चौबे का धार्मिक और सामाजिक योगदान

विजय चौबे मूल रूप से बिहार के छपरा जिले के निवासी थे, लेकिन उनके परिवार की कई पीढ़ियां सहरसा से जुड़ी हुई थीं। उनके दादा जी सबसे पहले छपरा से सहरसा आए थे और इस प्रतिष्ठित मंदिर में बतौर पुजारी सेवा देना शुरू किया था। उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, उनके पिता राम नगीना चौबे ने भी ठाकुरबाड़ी के पुजारी के रूप में काम किया। इसके बाद विजय चौबे ने यह जिम्मेदारी संभाली और जीवनभर इस मंदिर के प्रति अपनी निष्ठा और सेवा समर्पित की।

विजय चौबे न केवल धार्मिक गतिविधियों में गहराई से जुड़े थे, बल्कि वे सामाजिक सरोकारों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। वे सभी वर्गों और समुदायों में समान रूप से लोकप्रिय थे। उनकी धार्मिक विद्वता और समाज सेवा की भावना ने उन्हें समाज में एक विशिष्ट स्थान दिलाया था। वे धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहते थे। उनकी मृत्यु के बाद, शहर के लोग उन्हें एक धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व के रूप में याद कर रहे हैं, जिनकी उपस्थिति ने पूरे समाज को प्रभावित किया।

परिवार और समाज में शोक

विजय चौबे अपने पीछे पत्नी, दो पुत्रियां और एक पुत्र सहित एक बड़ा परिवार छोड़ गए हैं। उनके परिवार में गहरा शोक है, वहीं शहर के लोग भी उनके निधन से स्तब्ध हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि चौबे जी का समाज के हर वर्ग में गहरा जुड़ाव था, और वे सभी के प्रति समान रूप से समर्पित थे। उनकी विनम्रता और सेवा भावना के कारण लोग उनसे गहरा लगाव रखते थे।

पटना से शव लाने के बाद उनका अंतिम संस्कार सिमरिया घाट पर किया गया। अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए, जो उनके प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है। अंतिम संस्कार के दौरान पूरे शहर में एक शोकपूर्ण माहौल था।

मंदिर के कार्यक्रम स्थगित

विजय चौबे के निधन से ठाकुरबाड़ी मंदिर के सभी धार्मिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए। बुधवार को होने वाली दीपयज्ञ और गंगा महाआरती का आयोजन अब रद्द कर दिया गया है। मंदिर के श्रद्धालुओं और पुजारी वर्ग में शोक का माहौल है, और सभी लोग दिवंगत विजय चौबे को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधन समिति ने कहा कि चौबे जी के बिना मंदिर की गतिविधियों में एक बड़ा खालीपन आ गया है, जिसे भरना आसान नहीं होगा।

शहर में शोक की लहर

सहरसा में विजय चौबे के निधन से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, उनका निधन न केवल धार्मिक जगत बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक बड़ी क्षति है। विजय चौबे का योगदान और उनका व्यक्तित्व ऐसा था, जो सभी के दिलों में हमेशा बना रहेगा। उनकी सेवाएं और उनका धार्मिक ज्ञान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।


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