सहरसा: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद, विशेषकर प्रसिद्ध लड्डू, में चर्बी और मछली के तेल के इस्तेमाल की अफवाह ने पूरे देश के सनातन धर्मावलंबियों को स्तब्ध कर दिया है। इस अफवाह के फैलने के बाद से देश भर में सनातनी समुदाय में आक्रोश व्याप्त हो गया है। आरएसएस धर्म जागरण जिला संयोजक और छात्र संघ अध्यक्ष सागर कुमार नन्हें ने इस मामले को सनातन धर्म के खिलाफ एक गहरी साजिश करार दिया है और दोषियों को कठोर दंड देने की मांग की है।
सागर नन्हें ने इसे सनातन धर्म पर सीधा हमला बताते हुए कहा, "यह साजिश सनातन धर्म को बदनाम करने और धर्म भ्रष्ट करने की एक सोची-समझी योजना है। दोषियों को इस गंभीर अपराध के लिए फांसी की सजा मिलनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी का प्रसाद विश्वभर के हिन्दू धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक है, जो देश-विदेश में कुरियर के माध्यम से पहुंचता है। ऐसी अफवाहें हिन्दू धर्म की आस्था को चोट पहुंचाने के उद्देश्य से फैलाई गई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की घटनाओं से स्पष्ट होता है कि हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। सागर नन्हें ने मांग की कि सनातन धर्म के सभी मंदिरों को एक "सनातन सुरक्षा बोर्ड" के अधीन कर दिया जाना चाहिए, ताकि ऐसे षड्यंत्रों से धर्म की रक्षा की जा सके।
उन्होंने सनातन धर्मावलंबियों से अपील की कि वे आने वाले त्योहारों के दौरान सतर्क रहें और पूजा सामग्री केवल उन्हीं से खरीदें, जो सनातन धर्म के मूल्यों का सम्मान करते हैं और उनकी आस्था के प्रति निष्ठावान हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अपमान को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा।
इस मुद्दे पर सनातन समाज में व्यापक चर्चा हो रही है, और लोग इस अफवाह की सच्चाई को लेकर स्पष्टता चाहते हैं।
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