कोशी नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर के कारण संभावित बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सजग है। प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ जन्य परिस्थितियों से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं। वरीय अधिकारी नियमित क्षेत्रीय भ्रमण कर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और बचाव कार्यों की तैयारियों का आकलन कर रहे हैं।
सलखुआ क्षेत्र का दौरा और तैयारियों का निरीक्षण
इसी क्रम में अपर समाहर्ता सह वरीय पदाधिकारी ज्योति कुमार और जिला पंचायत राज पदाधिकारी संजीव कुमार ने सलखुआ क्षेत्र का भ्रमण किया और बाढ़ से संबंधित तैयारियों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने वहां के अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों से मुलाकात की और बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कोशी नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे संभावित बाढ़ की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है।
प्रशासन द्वारा संभावित रूप से बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों जैसे सिमरी बख्तियारपुर, नवहट्टा, महिषी, और सलखुआ के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। साथ ही, उन्हें जरूरत पड़ने पर सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। प्रशासन ने निर्देश जारी किया है कि इस सूचना को लगातार प्रसारित किया जाए ताकि लोग समय रहते सतर्क हो सकें और सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें।
तटबंधों की निगरानी और सुरक्षात्मक कदम
कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, चंद्रयान और कोपरिया को तटबंधों की सतत निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। तटबंधों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर इन पर कोई दबाव आता है तो बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, और थानाध्यक्षों को भी सजग और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। उन्हें अन्य विभागों के साथ समन्वय कर बाढ़ से सुरक्षा और राहत संबंधी सभी तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है।
सामुदायिक रसोईघर और राहत प्रयास
प्रशासन द्वारा बाढ़ से सुरक्षा और राहत कार्यों की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। सलखुआ क्षेत्र में अंचलाधिकारी ने सामुदायिक रसोई घर के लिए चिन्हित स्थल का निरीक्षण किया। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अगर बाढ़ आती है तो प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक भोजन और आश्रय की व्यवस्था तुरंत उपलब्ध हो सके। महिषी प्रखंड के घोंघेपुर पंचायत में स्थित सलुईस गेट का भी निरीक्षण किया गया, जहां फिलहाल जल स्तर सामान्य पाया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने लाउडस्पीकर से लोगों को कोशी नदी के क्षेत्र में नहीं जाने की अपील की है। साथ ही, उन्हें ऊंचे स्थानों पर शरण लेने और संभावित बाढ़ के लिए सतर्क रहने की चेतावनी दी जा रही है। प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में जान-माल की क्षति को रोका जा सके।
50 वर्षों में पहली बार इतना उच्च डिस्चार्ज
नेपाल के तराई क्षेत्र और कोसी नदी के आसपास हो रही भारी बारिश के कारण कोशी नदी का डिस्चार्ज 6 लाख क्यूसेक से अधिक हो गया है, जो पिछले 50 वर्षों में पहली बार देखा गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को एहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जिला स्तर पर गठित बाढ़ आपदा दल की गश्त बढ़ाने की अपील की गई है।
जिला प्रशासन की सतर्कता और निरंतर प्रयास
जिला प्रशासन बाढ़ से सुरक्षा और राहत कार्यों के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। लगातार हो रही बारिश और कोशी नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज कर दिया है। अधिकारी क्षेत्र का दौरा कर स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और लोगों को समय पर मदद पहुंचाने के लिए हर कदम उठा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की ओर से यह संदेश लगातार दिया जा रहा है कि लोग बाढ़ की संभावना को गंभीरता से लें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। जिला प्रशासन, पुलिस, बाढ़ नियंत्रण विभाग, और अन्य संबंधित विभागों के बीच समन्वय कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू किया जा सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जिला प्रशासन का कहना है कि बाढ़ की स्थिति में भीषण चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन उनकी तैयारियां पूरी हैं और वे संभावित किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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