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सहरसा जंक्शन पर बाल मजदूरी का काला सच: ट्रेन से मुक्त हुए 6 बच्चे, एक दलाल गिरफ्तार


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सहरसा, 22 अक्टूबर: मंगलवार को जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन से बाल मजदूरी के लिए ले जा रहे छह बच्चों को सहरसा जंक्शन पर मुक्त कराया गया। यह कार्रवाई उन बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कि देश में बढ़ती बाल मजदूरी की समस्या के खिलाफ लड़ाई का एक हिस्सा है।

मुक्त कराए गए सभी बच्चों की उम्र 14 वर्ष से कम बताई जा रही है। इन बच्चों में से कई ऐसे हैं जो अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति के कारण बाल मजदूरी के जाल में फंस गए थे। स्थानीय संगठन कोसी लोक मंच के राजेश कुमार मल्लिक ने बताया कि यह ऑपरेशन जीआरपी (गृह रक्षा पुलिस) के सहयोग से किया गया, जिसमें इन बच्चों की पहचान की गई और उन्हें चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किया गया।

मुक्त कराए गए बच्चों में सिमरीबख्तियारपुर के चपराम कोठी निवासी 14 वर्षीय भीखन सादा, 12 वर्षीय ऋषिदेव सादा, सोनवर्षा कोपा निवासी 12 वर्षीय कृष्ण कुमार, सौरबाजार सिलेट निवासी 12 वर्षीय गोलू कुमार, सावन कुमार और रुपौली पूर्णिया निवासी 14 वर्षीय देवशरण कुमार शामिल हैं। इन बच्चों के पिता विभिन्न पेशों से जुड़े हुए हैं, लेकिन गरीबी के कारण उनके परिवारों को बाल मजदूरी के लिए मजबूर होना पड़ा।

इस घटना के बाद एक दलाल को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसके बारे में जानकारी मिली है कि वह बच्चों को काम पर लगाने का काम कर रहा था। इस व्यक्ति से पूछताछ जारी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इस तरह की गतिविधियों में और कौन शामिल है।

बाल मजदूरी एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। ऐसे मामलों में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग आवश्यक है, ताकि बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।

कोसी लोक मंच के राजेश कुमार मल्लिक ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोगों को इस विषय पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि मुक्त कराए गए बच्चों को चाइल्ड लाइन द्वारा आवश्यक सहायता और संरक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने जीवन में नए सिरे से शुरुआत कर सकें।

समाज के सभी वर्गों को इस समस्या के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। केवल कानून और प्रशासनिक कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस दिशा में अपना योगदान देना होगा, ताकि बच्चे सुरक्षित रह सकें और उन्हें एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने का मौका मिल सके।

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