सहरसा, 30 अक्टूबर: सहरसा जिले में एक ट्रैफिक सिपाही द्वारा ई-रिक्शा चालक के साथ मारपीट की घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है। यह घटना 27 अक्टूबर को सदर थाना क्षेत्र के दहलान चौक के पास हुई, जब ई-रिक्शा चालक सलिल चौधरी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए ट्रैफिक डीएसपी से कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित चालक, जो बनगांव का निवासी है, ने बताया कि वह 2018 से ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। घटना के दिन, सलिल चौधरी ने एक सवारी को उतारने के बाद जब रिक्शा घुमाना शुरू किया, तभी एक ट्रैफिक सिपाही ने उन्हें रोककर रिक्शा बगल में लगाने के लिए कहा। सलिल का आरोप है कि सिपाही ने बिना किसी चेतावनी के उन पर ताबड़तोड़ लाठियां चलानी शुरू कर दीं।
घटना का विवरण
पीड़ित ने कहा, "मैंने जब उनसे पूछा कि मैंने क्या गलती की है, तो वे और भी अधिक गुस्से में आ गए और मुझ पर लाठियां बरसाने लगे। किसी तरह मैंने वहां से भागकर अपनी जान बचाई।" इस घटना के बाद, सलिल को शरीर में गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उन्हें निजी अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा। उन्हें दर्द इतना था कि वे बिस्तर से उठने में भी असमर्थ थे।
शिकायत का सिलसिला
29 अक्टूबर को, सलिल चौधरी अपने परिजनों के साथ शंकर चौक गया, जहां उन्होंने देखा कि वही ट्रैफिक सिपाही तैनात था। उन्होंने वहां तैनात पुलिस अधिकारियों से मामले की शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। सलिल ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने न केवल कार्रवाई करने से इंकार किया, बल्कि सिपाही का नाम भी बताने से बचते रहे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मामले में ट्रैफिक डीएसपी ने पुष्टि की है कि वे कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, "हम मामले की जांच करेंगे और दोषी सिपाही के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का काम जनता की सेवा करना है, और हम किसी भी तरह की अनुचित हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
स्थानीय समुदाय की चिंता
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में पुलिस के प्रति अविश्वास बढ़ा दिया है। कई स्थानीय निवासियों ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि उन्हें सुरक्षा की उम्मीद होती है, न कि हिंसा का सामना करने का। स्थानीय नेताओं ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सहरसा की इस घटना ने ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, और अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
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