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चंद्रा टाइम्स

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बिहार में बाढ़: संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने बढ़ाया मदद का हाथ

नविन मिश्र  की रिपोर्ट 

दरभंगा, बिहार – पिछले कुछ दिनों से बिहार के उत्तरी क्षेत्रों में बाढ़ ने तबाही का मंजर पैदा कर दिया है। नेपाल में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण बिहार के 18 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों के 88 प्रखंडों के 479 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है, जिससे 16 लाख से अधिक लोग इस प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं। दरभंगा जिले में बागमती और अधवारा नदी का जलस्तर खतरे के लाल निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिसके कारण आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

बाढ़ की चपेट में आए लोगों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। कई लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं, जबकि कुछ परिवार छतों पर रहने के लिए मजबूर हैं। खाने-पीने की समस्याएं भी बढ़ गई हैं, जिससे लोगों के लिए जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है।

संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों का सहयोग

ऐसी विषम परिस्थिति में संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने मानवता की सेवा के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है। शनिवार, रविवार और सोमवार को, उन्होंने दरभंगा के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री और भोजन वितरण किया। खासकर किरतपुर प्रखंड के खैसा, मुसहरिया, जमालपुर और सहरसा जिले के महिषी प्रखंड के घोंघेपुर पंचायत के पचभिंड्डा गांव, शंकरथुवा, बालूवारी, समानी, उसराही, खोरावरतर, जलई, डुमरी सुपौल, गरौल और बहरामपुर क्षेत्रों में हर दिन 5000 भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।

इसके साथ ही, बाढ़ प्रभावित लोगों को सुबह में चाय और बिस्किट भी दिए जा रहे हैं। सहरसा जिले के गरोल चौक और कोसी पुल के पास में भंडार गृह और टेंट की व्यवस्था की गई है, ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को लगातार भोजन मिल सके। संत जी के शिष्यों द्वारा पहुंचाई जा रही राहत सामग्री से बाढ़ पीड़ितों के चेहरों पर सुकून की एक नई चमक देखने को मिल रही है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे संत रामपाल जी महाराज इस संकट के समय में उनके लिए मसीहा बनकर आए हों।

सामाजिक सुधार की दिशा में प्रयास

संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा की जा रही यह पहल केवल बाढ़ राहत तक सीमित नहीं है। उन्होंने पहले भी सामाजिक सुधार के कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सतलोक आश्रम में एक हजार बेड का कोविड अस्पताल स्थापित किया गया था। इसके अतिरिक्त, दहेज मुक्त समाज, नशा मुक्त समाज, और जातिवाद मुक्त समाज के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

भारत भूमि धन्य है, जहां ऐसे संत मौजूद हैं जो समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करने का सामर्थ्य रखते हैं। इस राहत कार्यक्रम में नागेंद्र दास, सुशांत दास, कैलाश दास, सुभाष दास, आशुतोष दास, शिबू दास, ध्रुप दास, सचिन दास और अन्य सेवादार शामिल रहे हैं।

अंत में

बिहार में बाढ़ ने लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है, लेकिन संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों की पहल ने एक नई आशा जगाई है। इस कठिन समय में मानवता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है, और यह कार्य उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो समाज के उत्थान में योगदान देना चाहते हैं। संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं के अनुसार, “मानवता की सेवा में जो सुख है, वह किसी अन्य स्थान पर नहीं है।”


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