सहरसा, बिहार – सहरसा एयरपोर्ट की चर्चा पिछले लगभग पांच दशकों से चल रही है। कोशी क्षेत्र के निवासियों के लिए यह एयरपोर्ट न केवल एक यात्रा का माध्यम है, बल्कि उनके विकास और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक भी रहा है। लेकिन अब तक इस सपने को साकार करने में कई बाधाएँ आ रही हैं, जिसके कारण स्थानीय लोग निराश हैं।
वर्तमान स्थिति
जब आप सहरसा एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं, तो आपको एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यहां बाइक और साइकिल से स्टंट करते युवक, खेल के मैदान जैसे माहौल का निर्माण कर रहे हैं। यह स्थिति उस लंबे इंतजार का प्रतीक है, जब स्थानीय लोग एयरपोर्ट के चालू होने की उम्मीद कर रहे हैं।
स्थानीय युवकों की कसरत और खेलकूद के शौक को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह एयरपोर्ट किसी खेल के मैदान में तब्दील हो गया है। सहरसा एयरपोर्ट पर आप गाय-भैंस भी देख सकते हैं, जो यह दर्शाता है कि यह जगह अब ग्रामीण जीवन का हिस्सा बन चुकी है। वास्तव में, यह स्थिति स्थानीय लोगों के लिए निराशाजनक है, जो बेहतर परिवहन सुविधाओं की उम्मीद कर रहे थे।
विकास की संभावनाएं
सहरसा एयरपोर्ट के चालू होने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं। यदि यह एयरपोर्ट कार्यशील होता है, तो यह स्थानीय व्यवसायों, पर्यटन, और कृषि को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। खासकर कोशी क्षेत्र की कृषि उत्पादों की मार्केटिंग के लिए एयरपोर्ट एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सहरसा एयरपोर्ट का विकास सही दिशा में किया जाए, तो यह क्षेत्र के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सरकारी पहल
हालांकि, सरकारी प्रयासों की कमी के कारण सहरसा एयरपोर्ट का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार एयरपोर्ट के विकास की घोषणा की गई, लेकिन इन घोषणाओं पर अमल नहीं हो सका। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, ताकि उनका सपना साकार हो सके।
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