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आज पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर सहरसा के पुलिस केंद्र में एक भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अनु०पु०पदा०, सदर एवं सिमरी बख्तियारपुर, पु० उपा० मु०–01, पु० उपा० रक्षित सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों ने बिहार पुलिस के अमर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई, जिसमें पुलिस अधिकारियों ने शहीदों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पुलिस केंद्र के परिसर में शांति पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा, "हमारे वीर जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना समाज की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। हमें उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। आज का दिन हमें उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्यों का अहसास कराता है।"
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले विभिन्न पुलिस कर्मियों ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। सिमरी बख्तियारपुर के पु० उपा० मु०–01 ने कहा, "यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी नौकरी केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह एक सेवा है। हमें अपने शहीद साथियों की कुर्बानी को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।"
कार्यक्रम के दौरान शहीदों की बहादुरी की कहानियों को साझा किया गया, जिससे उपस्थित लोगों में भावनात्मक जुड़ाव बढ़ा।
सहरसा पुलिस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने स्थानीय समुदाय में सुरक्षा और शांति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी काम किया। पुलिस कर्मियों ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि वे अपराध के खिलाफ जागरूक रहें और पुलिस बल के साथ सहयोग करें।
पुलिस संस्मरण दिवस का यह आयोजन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह उन सभी शहीदों के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि थी जिन्होंने समाज की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिन का महत्व सिर्फ पुलिस बल के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए है, जो उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूल सकता।
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