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सहरसा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक बदलाव की वाहक बन रही जीविका अब रोजगार मेले का आयोजन कर युवाओं के लिए नए अवसर उपलब्ध करा रही है। यह आयोजन दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत लहठन चौधरी कॉलेज कैंपस, बलूआहा चौक, महिषी में आयोजित किया गया। इस मेले का उद्घाटन बीडीओ सुशील कुमार और बीपीएम आशीष ठाकुर ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
मेले में 15 विभिन्न कंपनियों के स्टॉल लगाए गए, जहां 341 युवाओं ने रोजगार के लिए अपना पंजीकरण कराया। इनमें से 223 युवाओं का चयन प्राथमिक रूप से किया गया, जबकि स्वरोजगार के लिए 118 युवाओं ने प्रशिक्षण हेतु अपना नामांकन कराया। बीडीओ सुशील कुमार ने इस मौके पर कहा, "जीविका की वजह से महिलाओं में जागृति आई है। आज जीविका के प्रयास से विभिन्न कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को नौकरी दे रही हैं, जो कि बहुत ही सराहनीय है।"
लहठन कॉलेज के प्राचार्य अशोक कुमार ने भी इस प्रयास की सराहना की और युवाओं को इस प्रकार के अवसरों का लाभ उठाने की सलाह दी। जीविका के प्रबंधक रोजगार, राकेश कुमार ने बताया कि जीविका से जुड़े परिवारों की आय बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें बेरोजगार बच्चों को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करना शामिल है।
कंपनियों की विविधता और अवसर
मेले में कुल 15 कंपनियों ने भाग लिया, जिनमें कुएसक्रॉप, चैतन्य इंडिया फाइनेंस क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड, होप केयर, ई कॉम एक्सप्रेस, ग्रीनटास इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, शिव शक्ति बायोटेक, एलआईसी, आरसेटी, गार्डियन सिक्योरिटी सर्विसेज, यदुवंशी भारद्वाज सिक्योरिटी सर्विसेज, नवभारत फर्टिलाइजर लिमिटेड, संभव फाउंडेशन, आमदनी प्राइवेट लिमिटेड, एल एन जे स्किल्स, एमिगोज प्राइवेट लिमिटेड जैसी नामी कंपनियां शामिल थीं।
नियोक्ता कंपनियों ने युवाओं को न्यूनतम वेतन 7,200 रुपये से लेकर 16,000 रुपये तक और अन्य भत्तों के साथ विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने की बात कही। इस मेले का आयोजन करने में जिला कार्यालय के आशीष कुमार, सुधा दास, विकास कुमार, रंजन कुमार, अनुप्रिया पंजियार के साथ-साथ प्रखंड कार्यालय के अन्य सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
आगे का रास्ता
यह रोजगार मेला न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करता है, बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का भी काम कर रहा है। जीविका के प्रयासों से न केवल सामाजिक बदलाव आ रहा है, बल्कि यह युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और युवा वर्ग को अपने भविष्य के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाने का मौका मिलता है।
इस मेले से यह स्पष्ट होता है कि सहरसा में जीविका का प्रयास महिलाओं और युवाओं को उनके हक और अवसर देने में सफल हो रहा है, जो समाज के समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस तरह के आयोजनों का सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए, ताकि और भी अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
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