रविवार को गायत्री शक्तिपीठ में शारदीय नवरात्र के चतुर्थ दिवस पर नवदुर्गा के चौथे स्वरूप माता कूष्माण्डा का पूजन बड़े धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने माता के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए भव्य पूजा-अर्चना की। आज का ध्यान नाभिचक्र पर केंद्रित किया गया, जिससे साधक के भीतर दिव्य ऊर्जा का संचार हुआ।
माता कूष्माण्डा के पूजन का विशेष महत्व है। भक्तों का मानना है कि माता का पूजन करने से लोभ, मोह और अहंकार का नाश होता है, जिससे साधक भगवती के परम तेज को धारण करता है। माता कूष्माण्डा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए साधकों को लोभ को संतोष की ऊर्जा में परिवर्तित करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे भगवती का साधक में प्रवेश होता है।
ज्ञान दीक्षा समारोह का आयोजन
पुजन के बाद कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के नए सत्र के छात्र-छात्राओं का ज्ञान दीक्षा समारोह आयोजित हुआ। इस समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कल्याणी सिंह, डॉ. सुभम कुमार, कैप्टेन गौतम सिंह, संजय वर्मा, विक्रम चौधरी और उमा चौधरी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ. कल्याणी सिंह ने उपस्थित छात्रों को शारीरिक और मानसिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि आज का दिन ज्ञान दीक्षा और दीक्षांत समारोह दोनों का महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने बताया कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए खुद को तैयार करना आवश्यक है और संस्कृति, संस्कार तथा अनुशासन के प्रति सजग रहना चाहिए।
पुरस्कार वितरण
इस समारोह में कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को उपहार स्वरूप लैपटॉप प्रदान किए गए। प्रथम पुरस्कार दीक्षाकुमारी, द्वितीय पुरस्कार साक्षी कुमारी, और तृतीय पुरस्कार प्रज्ञा कुमारी को दिया गया। इसके साथ ही सभी सफल विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
इस अवसर पर शिक्षकों की भी उपस्थिति रही, जिनमें ललन कुमार सिंह, समरकांत मिश्र, प्रियव्रत कुमार और हरिश जायसवाल शामिल थे। मां कूष्माण्डा का पूजन जयन्ती, सुवर्णा और अवंतिका ने किया, जबकि मुख्य यजमान पंकज जायसवाल और उनकी पत्नी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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