सहरसा: शनिवार की सुबह सहरसा बस स्टैंड पर एक चाय दुकानदार के साथ एक बेहद दर्दनाक घटना घटी, जब एक व्यक्ति ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। यह घटना तब हुई जब दुकानदार ने दिनेश मल्लिक उर्फ दीना को उधारी में चाय देने से मना कर दिया। जानकारी के अनुसार, मल्लिक ने पहले भी उधारी ली थी, जिसे वह चुकाने में असमर्थ रहा।
घटना का विवरण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शनिवार को सहरसा बस स्टैंड पर एक चाय दुकानदार के साथ एक व्यक्ति ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की घटना को अंजाम दिया। जानकारी के अनुसार, दिनेश मल्लिक उर्फ दीना ने उधारी में चाय मांगने पर दुकानदार से मना करने पर यह खतरनाक कदम उठाया।
घटना के बाद, आसपास के लोगों ने तुरंत मदद के लिए हाथ बढ़ाया। स्थानीय निवासियों ने घायल दुकानदार को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है। चिकित्सकों के अनुसार, उनकी स्थिति गंभीर है, और चिकित्सकीय निगरानी में हैं।
बस ऑनर एसोसिएशन की प्रतिक्रिया
बस ऑनर एसोसिएशन के सचिव संदीप मिश्र ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बताया कि इस तरह की हिंसा समाज के लिए एक बड़ा खतरा है। मिश्र ने कहा, "यह घटना दर्शाती है कि समाज में कानून और व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब हो गई है। जब एक व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए खड़ा होता है, तो इस तरह की हिंसा से उसका मुंह बंद करने का प्रयास किया जाता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे हमलों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
पुलिस की कार्रवाई
प्रभारी सदर थानाध्यक्ष सह अंचल इंस्पेक्टर अभिषेक अंजन ने पुष्टि की है कि घटना के संबंध में एक औपचारिक आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी दिनेश मल्लिक को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने कहा कि मामले की गहन जांच की जाएगी और सभी आवश्यक सबूतों को इकट्ठा किया जाएगा।
समाज में सुरक्षा के सवाल
इस घटना ने स्थानीय व्यवसायियों और आम जनता के बीच चिंता को बढ़ा दिया है। कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि क्या स्थानीय प्रशासन और पुलिस इस प्रकार की हिंसा को रोकने में सक्षम हैं। स्थानीय दुकानदारों ने मांग की है कि सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाए और नियमित गश्त की जाए ताकि ऐसा दुर्व्यवहार दोबारा न हो सके।
इस घटना ने सहरसा में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों का मानना है कि प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
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