सहरसा – ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान, डॉ. रहमान चौक के संस्थापक और कोशी क्षेत्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बताया कि मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार, कोजागरा पूजा का पर्व 16 अक्टूबर, बुधवार को मनाया जाएगा। यह दिन हिंदू धर्म के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है, जिसमें पूर्णिमाव्रत, कौमुदी महोत्सव, लक्ष्मी पूजा और प्रदोष का विशेष महत्व है।
कोजागरा पूजा का महत्व
कोजागरा पूजा अश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन, खुशी और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
पंडित तरुण झा ने बताया कि इस विशेष पूजा का सबसे शुभ समय मध्यरात्रि है, जब भक्तों को जागरण करने की आवश्यकता होती है। इस दौरान, पूजा के अनुष्ठान किए जाते हैं और भक्त पूरे मनोयोग से देवी लक्ष्मी का स्मरण करते हैं।
पूजा की विशेषताएँ
कोजागरा पूजा के दौरान भक्तों को विशेष ध्यान देना होता है कि वे रात में जागरण करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात देवी लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और 'को जाग्रति' शब्द का उच्चारण करती हैं, जिसका अर्थ होता है "कौन जाग रहा है?" इस रात, देवी लक्ष्मी उन लोगों को देखने आती हैं जो उनकी भक्ति और श्रद्धा से पूजा करते हैं।
लक्ष्मी का आशीर्वाद
यह माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी सभी घरों में जाती हैं और अपने दिव्य आशीर्वाद से अच्छे भाग्य और समृद्धि का वरदान देती हैं। भक्तों का विश्वास है कि यदि वे इस दिन पूर्ण श्रद्धा से पूजा करते हैं, तो माता लक्ष्मी उनके घरों में अवश्य आती हैं।
अंतिम तैयारी
कोजागरा पूजा की तैयारी के लिए भक्त विभिन्न प्रकार के पूजा सामग्री एकत्रित करते हैं, जिसमें दीयों, फूलों, मिठाइयों और अन्य पूजा सामग्रियों का समावेश होता है। इस दिन घरों को सजाने की भी परंपरा है, ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके।
पंडित तरुण झा जी ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे इस दिन की महत्ता को समझें और पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ लक्ष्मी पूजा करें। उन्होंने कहा, "यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।"
इस प्रकार, कोजागरा पूजा का पर्व न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज में समृद्धि और खुशहाली लाने का भी माध्यम है। भक्तों के लिए यह दिन विशेष है, जब वे देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके जीवन में समृद्धि लाने का प्रयास करते हैं।
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