बाबा सिद्दीकी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म और शिक्षा मुंबई में हुई। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे पार्टी में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे।
राजनीतिक करियर
बाबा सिद्दीकी ने 1977 में किशोरावस्था में कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने विभिन्न छात्र आंदोलनों में भाग लिया और 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस के महासचिव बने। इसके बाद, वे 1988 में मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
1999 में, उन्होंने बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक यात्रा को नई दिशा दी। उन्होंने 2004 से 2008 के दौरान महाराष्ट्र सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 08 फरवरी 2024 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए।
परिवार
बाबा सिद्दीकी का परिवार भी राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहा है। उनकी पत्नी का नाम शहजीम सिद्दीकी है, और उनके दो बच्चे हैं। उनकी बेटी अर्शिया एक डॉक्टर हैं, जबकि उनके बेटे जीशान सिद्दीकी वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं और मुंबई युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
हत्या का मामला
बाबा सिद्दीकी की हत्या की घटना 12 अक्टूबर 2024 को हुई, जब उन पर तीन अज्ञात व्यक्तियों ने गोलीबारी की। इस घटना के बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। गैंग के एक सदस्य ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि बाबा की हत्या का कारण उनके दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध थे। इस दावे ने पुलिस को जांच करने के लिए मजबूर किया है, हालांकि मुंबई पुलिस ने इस फेसबुक पोस्ट की पुष्टि नहीं की है।
सिद्दीकी की हत्या के कारण
सिद्दीकी की हत्या के पीछे के कारणों में आपराधिक संगठनों के साथ उनके संभावित संबंध हो सकते हैं। यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति में एक गंभीर मुद्दा बन गया है, क्योंकि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के सवाल को उठाता है, बल्कि राज्य में राजनीतिक हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति को भी दर्शाता है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या ने उनके समर्थकों और परिवार में गहरा सदमा पैदा किया है। उनकी राजनीतिक विरासत और उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा।
क्या है उनका बिहार से रिस्ता ?बाबा सिद्दीकी की पत्नी शहजीम सिद्दीकी हैं, और उनके दो बच्चे हैं—बेटी अर्शिया, जो डॉक्टर हैं, और बेटा जीशान, जो वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं। यह पारिवारिक संरचना और उनकी बिहार से संबंध उनके राजनीतिक कैरियर को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बाबा सिद्दीकी ने कभी बिहार में अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करने की योजना बनाई थी। बताया जाता है कि उन्होंने आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव से राज्यसभा सीट मांगी थी, लेकिन यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। उनकी राजनीतिक रणनीतियों में बिहार का महत्त्वपूर्ण स्थान था, क्योंकि यहीं पर उनके परिवार की जड़ें थीं।
बाबा सिद्दीकी की कांग्रेस से अनबन और शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने की प्रक्रिया ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया कि क्या उन्हें बिहार में अपनी राजनीतिक संभावनाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। राज्य में नए राजनीतिक बदलावों और शिवसेना तथा एनसीपी के बंटवारे ने उन्हें एक बार फिर से अपने करियर को जीवित करने का अवसर प्रदान किया।
इस प्रकार, बाबा सिद्दीकी का बिहार से संबंध न केवल उनके परिवार की जड़ों से जुड़ा हुआ था, बल्कि उनके राजनीतिक करियर और भविष्य की योजनाओं पर भी गहरा प्रभाव डालता था।
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