सहरसा जिले के कहरा प्रखंड स्थित नगर पंचायत बनगांव दक्षिणी में हुए पैक्स चुनाव में श्री मिहिर कुमार झा उर्फ पिंटू ने शानदार जीत दर्ज की है। मिहिर कुमार झा ने अपने प्रतिद्वंदी श्री शिव शंकर खां उर्फ रामखेली को एक बड़े अंतर से हराया। जहां मिहिर कुमार झा को 849 मत प्राप्त हुए, वहीं उनके प्रतिद्वंदी को केवल 51 वोट ही मिल सके। यानी, मिहिर कुमार झा ने 798 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की।
यह चुनाव न केवल मिहिर झा के लिए एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि यह जीत उनकी मेहनत और पिछले कार्यकाल की सफलता का भी प्रतीक मानी जा रही है। मिहिर कुमार झा ने चंद्रा टाइम्स से बात करते हुए इस शानदार जीत का श्रेय जनता को दिया। उन्होंने कहा, "यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हमारी पंचायत के हर व्यक्ति की है जिन्होंने पिछले कार्यकाल में हमारे प्रयासों को देखा और सराहा। उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के कारण ही मुझे इस जीत का अवसर मिला।"
मिहिर कुमार झा ने अपने पिछले कार्यकाल में पंचायत में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी थी, जिसमें सड़कें, पानी की आपूर्ति, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार शामिल था। जनता के बीच उनके कार्यों को लेकर जबरदस्त उत्साह था, और यही कारण है कि इस बार उन्होंने चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया।
पारंपरिक राजनीति से हटकर मिहिर झा ने हमेशा जनता की समस्याओं को समझा और समाधान की दिशा में काम किया। उनके समर्थकों का कहना है कि मिहिर झा का कार्यशैली न केवल असरदार थी, बल्कि उनकी ईमानदारी और समर्पण ने जनता के बीच एक भरोसा भी पैदा किया।
प्रतिद्वंदी श्री शिव शंकर खां उर्फ रामखेली के मुकाबले मिहिर झा ने न केवल चुनावी प्रचार में अपना पूरा जोर लगाया, बल्कि पंचायत के विकास के लिए उन्होंने एक ठोस कार्य योजना भी तैयार की थी।
इस जीत के बाद मिहिर कुमार झा के समर्थक खुशी से झूम उठे और उनके घर के बाहर ढोल-नगाड़े बजाए गए। समर्थकों ने मिहिर झा की जीत को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे बनगांव दक्षिणी के लिए गर्व का पल है।
अब मिहिर कुमार झा के सामने चुनौती है कि वे अपनी इस जीत को और अधिक मजबूत बनाएं और जनता के बीच विश्वास बनाए रखें। आगामी कार्यकाल में वह और अधिक विकास कार्यों को प्राथमिकता देंगे, ताकि इस बार की जीत को एक स्थायी बदलाव में बदल सकें।
यह चुनाव परिणाम न केवल मिहिर कुमार झा की मेहनत का नतीजा है, बल्कि यह साबित करता है कि जनता अगर ईमानदारी से काम करने वाले नेताओं को मौका दे, तो वे सच्चे बदलाव का कारण बन सकते हैं।
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