सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बलवाहाट बाजार की होनहार बेटी पारुल ने 69वीं बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा में सफलता हासिल कर पूरे बिहार का नाम रौशन किया है। पारुल की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और जिले में खुशी की लहर दौड़ा दी है। यह उपलब्धि उनके दृढ़ संकल्प, मेहनत और माता-पिता व गुरुजनों के मार्गदर्शन का परिणाम है।
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
पारुल, बलवाहाट बाजार के निवासी जितेंद्र कुमार जीवन और शिक्षिका मंजू देवी की बेटी हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई। बचपन से ही पढ़ाई में लगनशील और प्रतिभाशाली पारुल ने अपने गांव के सीमित संसाधनों के बावजूद खुद को साबित किया।
करियर का सफर
पारुल ने 2023 में पटना हाईकोर्ट की परीक्षा पास कर सहायक अनुभाग अधिकारी (ASO) के पद पर कार्यभार संभाला। वर्तमान में वे पटना हाईकोर्ट में ASO के रूप में काम कर रही हैं। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। उनकी रैंक के आधार पर उन्हें श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (Labour Enforcement Officer) के पद मिलने की संभावना है।
सफलता का श्रेय
पारुल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरु भाई आदर्श कुमार को दिया है। उन्होंने बताया, "भाई के सानिध्य में रहकर पढ़ाई करना मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुआ। मेरे माता-पिता का समर्थन और गुरुजनों का मार्गदर्शन हमेशा मेरी ताकत रहा है।"
गांव में खुशी का माहौल
मंगलवार की रात जब 69वीं बीपीएससी परीक्षा के परिणाम घोषित हुए, तो पारुल के परिवार और पूरे बलवाहाट बाजार में उत्सव का माहौल बन गया। हर कोई उनके आवास पर पहुंचकर बधाई दे रहा है। पारुल की सफलता ने बलवाहाट बाजार की पहली लड़की के रूप में एक नई मिसाल कायम की है।
माता-पिता का गौरव
पारुल के पिता जितेंद्र कुमार जीवन ने गर्व से कहा, "मेरी बेटी शुरू से ही पढ़ाई में तेज और मेहनती थी। उसने अपनी पढ़ाई घर पर रहकर की और अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया। पहले ASO के पद पर सफलता पाई, और अब बीपीएससी में भी अपनी काबिलियत साबित की।"
गुरु और शुभचिंतकों की शुभकामनाएं
पारुल की सफलता पर उनके गुरु भाई आदर्श कुमार ने कहा, "पारुल की मेहनत और समर्पण ने यह दिन दिखाया है। वह अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं।" वहीं, स्थानीय लोग और शुभचिंतक जैसे मनोज मिलन, हरे कृष्ण यादव, ललन यादव, संजय पाठक, मुन्ना भगत, कृष्ण कन्हैया, नीतीन गुप्ता, सतीश सिंह और टिंकू पाठक ने पारुल को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
प्रेरणा का स्रोत
पारुल की यह सफलता यह साबित करती है कि गांव के सीमित संसाधनों में भी, अगर मेहनत और लगन से काम किया जाए, तो बड़े से बड़ा सपना पूरा किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि सैकड़ों युवाओं को प्रेरणा देने वाली है।
आगे की योजनाएं
पारुल ने बताया कि उनका सफर यहां समाप्त नहीं होता। उनका लक्ष्य प्रशासनिक सेवाओं में और ऊंचे मुकाम पर पहुंचना है। वे यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित हैं।
पारुल की कहानी न केवल बलवाहाट बाजार, बल्कि पूरे बिहार के युवाओं को यह संदेश देती है कि मेहनत और आत्मविश्वास के साथ हर बाधा को पार किया जा सकता है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे जिले को गर्व है।
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