सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के सिरादेयपट्टी गांव में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। नहर की उड़ाही के दौरान जेसीबी के बकेट से बिजली का पोल गिर गया, जिससे पास खड़े 8 साल के एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक बच्चे की पहचान मो. इरफान के पुत्र मो. चांद के रूप में हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना सिरादेयपट्टी गांव में उस समय हुई जब नहर की उड़ाही का काम जेसीबी मशीन के जरिए किया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक, जेसीबी ऑपरेटर ने बकेट घुमाया, जिससे पास खड़ा बिजली का पोल गिर गया। पास ही खेल रहे मो. चांद पोल की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चे को बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने जांच शुरू की
हादसे की सूचना मिलते ही सदर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेजा गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि हादसे में लापरवाही किसकी थी।
ड्राइवर फरार, इलाके में आक्रोश
घटना के बाद जेसीबी का ड्राइवर मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने ड्राइवर और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि काम के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।
घटना स्थल पर जुटी भीड़
घटना की खबर फैलते ही गांव में शोक और गुस्से का माहौल बन गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक मो. चांद के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। आठ साल का मासूम अपनी उम्र के बाकी बच्चों की तरह खेलने-कूदने और जिंदगी के सपने संजोने में लगा था। परिजनों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा है।
सुरक्षा उपायों पर सवाल
घटना ने प्रशासन और ठेकेदारों द्वारा नहर उड़ाही जैसे कामों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मशीनों के संचालन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग के बीच समन्वय की कमी भी इस हादसे का कारण मानी जा रही है।
लोगों की मांग: लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सभी निर्माण कार्यों में सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, मृतक के परिवार को मुआवजा और न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई है।
यह हादसा न केवल एक मासूम बच्चे की असमय मौत का कारण बना है, बल्कि प्रशासन और निर्माण कार्यों में लापरवाही की ओर भी इशारा करता है। क्या इस घटना के दोषियों को सजा मिलेगी और क्या ऐसे हादसों को भविष्य में रोका जा सकेगा, यह प्रशासन की कार्रवाई पर निर्भर करेगा।
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