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चंद्रा टाइम्स

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राजगीर के बाद सहरसा में बनेगा ग्लास ब्रिज: हांगझोऊ की तर्ज पर बिहार के पर्यटन को नई उड़ान - Saharsa - Glass birdge

बिहार के पर्यटन क्षेत्र में एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने सहरसा में ग्लास ब्रिज बनाने की योजना की घोषणा की है। यह ब्रिज चीन के हांगझोऊ के प्रतिष्ठित ग्लास ब्रिज की तर्ज पर बनाया जाएगा, जो दुनिया के कुछ सबसे अनोखे और बड़े ग्लास ब्रिजों में से एक है। राजगीर में सफलतापूर्वक बने ग्लास ब्रिज के बाद, यह परियोजना राज्य में पर्यटन को और ऊंचाई देने की दिशा में बड़ा कदम है।

राजगीर के बाद दूसरा ग्लास ब्रिज

सहरसा के मत्स्यगंधा झील में बनने वाला यह ग्लास ब्रिज न केवल राज्य का दूसरा बल्कि भारत के कुछ गिने-चुने ग्लास ब्रिजों में से एक होगा। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि इस परियोजना के लिए 97.61 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, कैमूर जिले में 49.51 करोड़ रुपये की लागत से ईको-टूरिज्म एडवेंचर हब का निर्माण भी किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से कुल 147.12 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्राप्त हुई है।

सहरसा: पर्यटन का नया केंद्र

सहरसा का मत्स्यगंधा झील क्षेत्र पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने जा रहा है। यहां ग्लास ब्रिज के अलावा कुल 22 आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं में ग्लास ब्रिज के साथ घाट, टॉयलेट ब्लॉक, फूड कोर्ट, पार्किंग, म्यूजिकल फाउंटेन, लाइट एंड साउंड शो, और सेल्फी प्वाइंट शामिल हैं। यह क्षेत्र न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

कैमूर में साहसिक पर्यटन की शुरुआत

कैमूर जिले में करमचक क्षेत्र में बनने वाला ईको-टूरिज्म एडवेंचर हब साहसिक पर्यटन के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है। यह हब ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग, जिप लाइनिंग, और कैंपिंग जैसे रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा। परियोजना की योजना इस तरह से बनाई गई है कि यह पर्यावरण के अनुकूल हो और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दे।

पर्यटन और रोजगार का संगम

इन दोनों परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। सहरसा और कैमूर में होटल, हस्तशिल्प, और परिवहन जैसे क्षेत्रों में हजारों रोजगार अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का धन्यवाद करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के लिए मिली सहायता राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नया जीवन प्रदान करेगी।

हांगझोऊ की तर्ज पर ग्लास ब्रिज

चीन के हांगझोऊ का ग्लास ब्रिज अपने अनूठे डिजाइन और तकनीकी उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध है। इसी तर्ज पर सहरसा का ग्लास ब्रिज भी बनाया जाएगा। यह न केवल देखने में भव्य होगा बल्कि पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा।

बिहार के पर्यटन का भविष्य

राजगीर, सहरसा, और कैमूर जैसे स्थानों में इस प्रकार की परियोजनाओं से बिहार देश के शीर्ष पर्यटन स्थलों में शामिल हो सकता है। आधुनिक संरचनाओं और पर्यावरण के अनुकूल विकास के साथ, राज्य में पर्यटन उद्योग को नई दिशा मिलेगी।

निष्कर्ष

राजगीर के बाद सहरसा और कैमूर में इन परियोजनाओं का आरंभ राज्य की पर्यटन नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। इससे न केवल बिहार को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। ये परियोजनाएं न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।

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