सहरसा से एक ऐसी खबर आई है, जिसने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। यह खबर न केवल अपराध की दुनिया को लेकर बल्कि पुलिस की सतर्कता और चतुराई को लेकर भी चर्चा का विषय बन गई है।
शहर की सुबह बेहद सामान्य लग रही थी। लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे, लेकिन पुलिस विभाग में हलचल कुछ अलग थी। सहरसा पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी, जो उनकी महीनों की मेहनत का परिणाम साबित हो सकती थी। इस सूचना ने पुलिस महकमे को चौकन्ना कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, एक ऐसे अपराधी का सुराग मिला था, जो न केवल सहरसा जिले बल्कि पड़ोसी जिले मधेपुरा में भी आतंक का पर्याय बन चुका था। यह अपराधी था हीरा यादव। लक्ष्मण यादव का यह बेटा वर्षों से फरारी काट रहा था। वह न केवल हत्या और लूट के मामलों में वांछित था, बल्कि उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।
पुलिस के पास सूचना थी कि हीरा यादव अपने गांव जम्हारा आया हुआ है। लेकिन क्या यह सूचना सच थी? क्या यह उसी अपराधी को पकड़ने का मौका था, जिसे पुलिस इतने दिनों से ढूंढ रही थी? या फिर यह एक फर्जी सूचना हो सकती थी? यह सवाल सभी के मन में घूम रहा था।
एसडीपीओ सिमरी बख्तियारपुर मुकेश कुमार ठाकुर ने सूचना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम का नेतृत्व सोनवर्षा राज थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार कर रहे थे, उनके साथ पुअनि विवेक कुमार और परिक्षमान पुअनि राकेश कुमार समेत कई पुलिसकर्मी थे।
टीम को जैसे ही आदेश मिला, वे बिना समय गंवाए रवाना हो गए। पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ था। चंडीस्थान के समीप एक जगह पर पुलिस टीम ने अपनी पोजिशन संभाल ली। हर पुलिसकर्मी अपने स्थान पर तैनात था। पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ते हुए पुलिस ने आखिरकार उस जगह को घेर लिया, जहां हीरा यादव के छिपे होने की सूचना थी।
दूसरी ओर, हीरा यादव को शायद इस बात की भनक भी नहीं थी कि पुलिस इतनी नजदीक पहुंच चुकी है। वह आराम से भागने की योजना बना रहा था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसकी यह योजना अब कभी पूरी नहीं हो पाएगी।
पुलिस ने जैसे ही कदम बढ़ाया, चारों तरफ एक अजीब-सा तनाव फैल गया। क्या वह वाकई वहां था? क्या पुलिस उसे पकड़ पाएगी? इसी सस्पेंस के बीच, पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की। और तब...
उस पल ने सबकुछ बदल दिया। हीरा यादव पुलिस के सामने था। उसने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम की सतर्कता और रणनीति ने उसे ऐसा करने का मौका नहीं दिया।
सहरसा पुलिस ने न केवल हीरा यादव को गिरफ्तार किया, बल्कि यह साबित कर दिया कि कानून के लंबे हाथ किसी को भी छुपने नहीं देंगे। एसपी हिमांशु ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हीरा यादव पर आठ गंभीर मामले दर्ज थे, और उसकी गिरफ्तारी अपराध की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका साबित होगी।
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