सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र में शनिवार की शाम एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। NH-107 पर डेयोढ़ी पोखर के पास पुलिस ने दो संदिग्ध युवकों को रोका। लेकिन यह सिर्फ एक साधारण पूछताछ नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक गंभीर आपराधिक योजना का पर्दाफाश हुआ।
पुलिस को यह गुप्त सूचना मिली थी कि पुरानी बाजार से रानीबाग की ओर जाने वाली सड़क पर दो बाइक सवार बदमाश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में हैं। सूचना मिलते ही सिमरी बख्तियारपुर थाना पुलिस सक्रिय हो गई।
क्या था घटनास्थल पर?
शनिवार की शाम जब पुलिस ने NH-107 पर चेकिंग शुरू की, तो संदिग्ध बाइक सवारों को रोकने का प्रयास किया। पहले तो दोनों युवकों ने रुकने से इंकार किया और तेज गति से भागने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की घेराबंदी इतनी सटीक थी कि उनकी हर चाल नाकाम रही। आखिरकार, दोनों युवकों को पकड़ लिया गया।
खुलासा जो चौंका गया
जब पुलिस ने उनकी तलाशी ली, तो एक देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए। यह दृश्य केवल एक संकेत था कि उनकी योजना कितनी गंभीर और खतरनाक हो सकती थी।
अभियुक्त कौन हैं?
जांच के दौरान पुलिस ने दोनों युवकों की पहचान राम देव साह के बेटे अभिनंदन कुमार उर्फ सुमन कुमार और प्रेमलाल साह के बेटे राजकुमार के रूप में की। दोनों बदमाश बनमा इटहरी थाना क्षेत्र के जमालनगर गांव के वार्ड संख्या 12 के निवासी हैं।
पुलिस का बयान
सिमरी बख्तियारपुर के SDPO मुकेश कुमार ठाकुर ने रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि यह कार्रवाई क्षेत्र में अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए चल रहे विशेष अभियान का हिस्सा थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
इलाके में दहशत और राहत
यह घटना सिमरी बख्तियारपुर के लोगों के लिए एक राहत और डर दोनों का मिश्रण लेकर आई। जहां एक तरफ पुलिस की तत्परता ने संभावित अपराध को रोक दिया, वहीं दूसरी तरफ यह घटना इस बात का सबूत है कि इलाके में अब भी अपराधी सक्रिय हैं।
अब पुलिस इन युवकों से पूछताछ कर रही है कि वे किस तरह की आपराधिक योजना बना रहे थे और इसमें और कौन शामिल हो सकता है। दोनों को जल्द ही जेल भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।
यह घटना दिखाती है कि सतर्कता और सही समय पर कार्रवाई से कैसे बड़ी वारदातों को टाला जा सकता है। लेकिन यह सवाल भी उठता है कि ऐसे अपराधी लगातार कैसे सक्रिय हो रहे हैं? जवाब ढूंढने की जिम्मेदारी अब प्रशासन और समाज दोनों की है।
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