बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत बलवाहाट थाना क्षेत्र के पहाड़पुर पंचायत से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। वार्ड संख्या 8 निवासी शंकर यादव के छह वर्षीय पुत्र कुणाल कुमार की रविवार दोपहर को पानी में डूबने से मौत हो गई। घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल पैदा कर दिया है।
घटना का पूरा विवरण
सूत्रों के अनुसार, रविवार को दोपहर के समय मासूम कुणाल अपनी मां को खोजने के लिए घर से निकला था। वह अपने बड़े भाई के साथ बघवा कोसी बांध के पास से होते हुए धाना मंडल पथ की ओर जा रहा था, जहां पर एक उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसी दौरान, खेलते-खेलते कुणाल का पैर अचानक फिसल गया और वह अनजाने में ही गहरे पानी में गिर गया। भाई के चिल्लाने के बावजूद, तेज धाराओं में बह जाने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।
24 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मिला शव
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग घटनास्थल पर एकत्रित हो गए और तुरंत ही बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। घटना के तुरंत बाद, बलवाहाट थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बचाव दल को सूचित किया। बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम को बुलाया गया, जिन्होंने रात-दिन लगातार प्रयास किए, लेकिन कुणाल का शव रविवार रात तक नहीं मिल सका।
सोमवार सुबह, करीब 24 घंटे के बाद, जब स्थानीय ग्रामीणों ने पुल निर्माण स्थल के समीप पानी में कुछ तैरते हुए देखा, तो देखा गया कि वह कुणाल का शव था। शव के मिलने की खबर पूरे इलाके में फैल गई, और देखते ही देखते वहां पर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
परिवार में मातम का माहौल
कुणाल की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मासूम कुणाल अपने माता-पिता का चहेता था और हमेशा अपने भाई के साथ खेलता था। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं ग्रामीण भी शोकाकुल हैं और परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा बहुत ही दुखद और अनपेक्षित था।
पुल निर्माण कार्य पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने पुल निर्माण स्थल के आसपास सुरक्षा के अभाव पर भी सवाल उठाए हैं। निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा उपायों की कमी के कारण इस क्षेत्र में बच्चों और अन्य लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण स्थल पर उचित सुरक्षा उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद जिला प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। बलवाहाट थाना प्रभारी ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
NDRF टीम का सहयोग
इस घटना में NDRF टीम के प्रयासों की भी सराहना की गई है। टीम ने लगातार 24 घंटे तक पानी में खोजबीन की, लेकिन गहरी धाराओं के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने टीम के सहयोग और संवेदनशीलता की सराहना की है और मांग की है कि पुल निर्माण स्थल पर ऐसे हादसों से बचने के लिए स्थायी सुरक्षा प्रबंध किए जाएं।
अंत में
कुणाल की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है और इस घटना ने प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि पुल निर्माण स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं होती। पहाड़पुर पंचायत के लोग चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि विकास कार्यों के दौरान सुरक्षा उपायों की कमी के कारण मासूम जानें असमय काल के गाल में समा सकती हैं। उम्मीद की जाती है कि प्रशासन जल्द से जल्द इन मुद्दों को हल करेगा और कुणाल जैसे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
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