बिहार में साइबर अपराधियों का एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। सहरसा निवासी एक रिटायर्ड डॉक्टर को डिजिटल तरीके से "अरेस्ट" करके उनसे 74 लाख रुपए ठग लिए गए। ठगों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताते हुए उन्हें फर्जी गिरफ्तारी वारंट से डरा दिया। यह घटना 6 दिसंबर की है, और पीड़ित डॉक्टर ने पटना साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
कैसे हुआ पूरा मामला?
पीड़ित डॉक्टर, जो एनएमसीएच से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, अपने सहरसा स्थित घर पर थे, जब उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए कहा कि डॉक्टर के पास आय से अधिक संपत्ति है और उनके खिलाफ जांच चल रही है। ठगों ने डॉक्टर को मुंबई आने के लिए कहा और गिरफ्तारी की धमकी दी।
डॉक्टर ने अपनी उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मुंबई आने में असमर्थता जताई, जिसके बाद ठगों ने उन्हें पटना बुलाया।
पटना में होटल बुक करवाकर झांसे में फंसाया
ठगों ने डॉक्टर से कहा कि पटना में एक होटल का कमरा बुक कर लें, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी। डॉक्टर ने उनकी बात मानकर पटना में होटल बुक कर लिया। ठगों ने वर्दी पहनकर वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर से संपर्क किया और खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए विश्वास दिलाया।
वीडियो कॉल पर अन्य लोगों को भी शामिल किया गया, जो कथित रूप से ईडी के अधिकारी थे। डॉक्टर को विश्वास हो गया कि उनके खिलाफ वाकई कार्रवाई हो रही है।
डर के साये में गहने गिरवी रखकर दिए पैसे
ठगों ने डॉक्टर को व्हाट्सएप पर एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजकर डरा दिया। इस डर से डॉक्टर ने अपने गहने गिरवी रख दिए और 74 लाख रुपए ठगों के हवाले कर दिए।
साइबर ठगी का एहसास और शिकायत दर्ज
जब ठगों से संपर्क बंद हो गया और डॉक्टर को महसूस हुआ कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं, तब उन्होंने पटना के साइबर थाने में जाकर मामला दर्ज कराया।
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