नौ में से आठ शिक्षक मिले मोजूद चार कमरें में होती हैं 332 बच्चों की पढ़ाई।
चंद्रा टाइम्स।बिहारीगंज(मधेपुरा): बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र नगर पंचायत कुशथन में रविवार के दिन उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय में 1से 8 तक छात्र छात्राओं कुल संख्या 332 है जबकि छात्र छात्राओं की उपस्थिति 226 पाया गया। कुल शिक्षकों की संख्या नौ है शिक्षक की उपस्थिति एच एम अंजू कुमारी,शहरीन प्रवीण, फैयाज आलम , रहमत आरा, निलम कुमारी, दिपक कुमार, इफ्तेखार आलम, कैसर अली उपस्थित पाया गया वहीं एक शिक्षक नूह आलम विधालय में नहीं थे। कुछ शिक्षक उसके सफाई में उसके पक्ष में बोल रहै थे लेकिन बच्चों से पुछा गया तो बताया कि सुबह विधालय आएं और चलें गये। इस से साफ़ जाहिर होता है कि सरकार के नियमों को ताक पर रख कर शिक्षक करते हैं काम। स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है। पर कमरा मात्र 4 ही है। अगर औसत भी निकाला जाए तो एक कमरा में 80 छात्र बैठते हैं। इससे आप अंदाजा लगा लें कि क्या और कैसी पढ़ाई होती होगी। मतलब एक कमरा में कम से कम दो कक्षा की पढ़ाई होती है। स्कूल के प्रिंसिपल अंजू कुमारी ने बताया कि कुछ माह पूर्व ही हम यहां का एच एम बने हैं इससे पहले वाली एच एम कई बार विभाग को बता चुका है, पर अबतक स्थिति में कोई सुधार नहीं है। बच्चे कभी कभी ज्यादा हो जाने के कारण बाहर बैठ पढ़ने को मजबूर हैं।कक्षा 1 से 8 तक होती है पढ़ाई बिहारीगंज प्रखंड के कुशथन उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय में चार कमरे में 8वीं कक्षा की पढाई सुविधा के अभाव में हो रही है। यहां कमरा नहीं रहने के कारण सम्मिलित रूप से पढ़ाई होती है। जिससे विद्यालय में कक्षावार पढाई का छात्रों का सपना बनकर रह गया। जब पत्रकार ने इस स्कूल का पड़ताल किया तो एक कमरा में दो कक्षा का संचालन सामूहिक रूप से किया जा रहा था। जहां सामूहिक रूप से कक्षा का संचालन से छात्रों को कई समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तो एकाग्रता भंग होती है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। स्कूल परिसर में 332 छात्राओं व शिक्षक ओर रसोईया को लेकर सिर्फ एक चापाकल है दोपहर भोजन के समय चापाकल पर बच्चों के बीच अफरातफरी का माहौल हो जाता है। स्कूल के प्रिंसिपल अंजू कुमारी ने बताया कि कक्षा 1-2 में एक कमरे में बच्चा बैठता है। इसी तरह 3 से 8 बच्चों को किसी तरह कमरे नहीं रहने के कारण बच्चों को एडजस्ट कर के बेठा कर पढ़ना पड़ता है।वही रसोई का भी कमरा जर्जर पड़ा है। ऐसी लापरवाही किसी समय भी स्कूल में हादसा को आमंत्रण देने को तैयार है।
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