संवादाता -रतना मिश्रा : सुपौल लोकसभा सांसद दिलेश्वर कामत और मधेपुरा लोकसभा सांसद दिनेश चंद्र यादव ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की और अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए विशेष अनुरोध किए। सांसद दिलेश्वर कामत ने मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर प्रखंड स्थित बाबा सिंहेश्वर नाथ धाम को धार्मिक कॉरिडोर से जोड़ने की मांग की, वहीं सांसद दिनेश चंद्र यादव ने सहरसा जिले के मां विषहर मंदिर के उन्नयन की आवश्यकता जताई। दोनों सांसदों की यह पहल बिहार के धार्मिक स्थलों के विकास और उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
बाबा सिंहेश्वर नाथ धाम को धार्मिक कॉरिडोर से जोड़ने की मांग
सुपौल लोकसभा सांसद दिलेश्वर कामत ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर मधेपुरा जिले के प्रसिद्ध बाबा सिंहेश्वर नाथ धाम को धार्मिक कॉरिडोर से जोड़ने की मांग की। सांसद कामत ने कहा कि यह प्राचीन मंदिर धार्मिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि पर स्थित है, जो भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर को धार्मिक कॉरिडोर से जोड़ा गया है, उसी तरह बाबा सिंहेश्वर नाथ धाम को भी धार्मिक कॉरिडोर से जोड़ने की आवश्यकता है।
सांसद कामत ने कहा, "इस मंदिर का शिल्प अत्यधिक दर्शनीय होगा, और इससे न केवल कोसी, मिथिलांचल, और सीमांचल क्षेत्रों के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि पर्यटकों के आने से इस क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। जब धार्मिक कॉरिडोर के निर्माण और विकास के बाद यहाँ पर्यटकों की भारी संख्या आएगी, तो यह क्षेत्र वैश्विक पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित हो जाएगा।"
सांसद ने कहा कि इस धार्मिक कॉरिडोर से जुड़ने के बाद, पर्यटकों को मंदिर की नई संरचना के साथ आध्यात्मिक और मनोरम दृश्य देखने को मिलेंगे, जिससे यहां की धार्मिक महत्वता को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से अनुरोध किया कि इस पर तत्काल विचार करते हुए इस मंदिर को काशी के तर्ज पर धार्मिक कॉरिडोर से जोड़ा जाए।
मां विषहर मंदिर का उन्नयन
दूसरी ओर, मधेपुरा लोकसभा सांसद दिनेश चंद्र यादव ने सहरसा जिले के मां विषहर मंदिर के उन्नयन के लिए विशेष रूप से धन आवंटित करने की मांग की। उन्होंने बताया कि यह मंदिर दुनिया भर में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां एक साथ पांच देवियों की पूजा होती है। यह विशेषता इस मंदिर को और भी महत्वपूर्ण बनाती है। यह मंदिर नेपाल, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और बिहार के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है, जो यहां तंत्र साधना के लिए आते हैं।
सांसद यादव ने कहा, "यह मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व रखता है, लेकिन यहां श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं का घोर अभाव है। इसके लिए विशेष रूप से एक अलग राशि आवंटित की जाए ताकि इस मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र का विकास हो सके।"
उन्होंने बताया कि अगर इस मंदिर का उन्नयन किया जाता है, तो यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा, और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी आस्था और विश्वास और भी मजबूत होगा।
आध्यात्मिक और पर्यटन विकास के लिए दोनों सांसदों का प्रयास
यह दोनों प्रस्ताव बिहार के धार्मिक स्थलों को राष्ट्रीय और वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने का एक बड़ा कदम है। सांसद दिलेश्वर कामत और सांसद दिनेश चंद्र यादव का यह प्रयास न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और इन क्षेत्रों का समग्र विकास होगा।
इन प्रस्तावों के तहत, इन धार्मिक स्थलों के उन्नयन से न केवल बिहार के कोने-कोने से लोग जुड़ेगे, बल्कि देश-विदेश के पर्यटक भी यहां आकर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करेंगे। इससे बिहार के कोसी, मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों का पर्यटन और अर्थव्यवस्था भी बेहतर होगा, और इन क्षेत्रों को एक नई पहचान मिलेगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन मांगों को गंभीरता से सुना और इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया। अब देखना यह है कि इन प्रस्तावों को कितनी जल्दी लागू किया जाता है और ये धार्मिक स्थल पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभरते हैं।
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