सहरसा। पतरघट पुलिस थाने में एक छिनतई मामले के आरोपी रवि राज की पुलिस कस्टडी में पिटाई का मामला सामने आया है। आरोपी का दावा है कि पुलिस की मारपीट से उसका पैर फ्रैक्चर हो गया। यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है।
घटना का विवरण
पुलिस ने रवि राज को बुधवार को एक छिनतई की घटना के आरोप में गिरफ्तार किया था। गुरुवार को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद रवि राज ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दौरान और थाने में पुलिस ने उसके साथ बर्बरता की। उसने दावा किया कि पुलिस की पिटाई से उसका पैर टूट गया, और उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप
आरोपी रवि राज ने अदालत में दिए बयान में आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी मां से 25 हजार रुपये की रिश्वत ली। यह रकम कथित रूप से बरामदगी दिखाने के नाम पर ली गई। उसने यह भी कहा कि उसकी मां को पहले हिरासत में लिया गया और फिर पैसे लेने के बाद छोड़ दिया गया।
पुलिस ने खारिज किए आरोप
सदर एसडीपीओ आलोक कुमार ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा कि आरोपी को खदेड़ते हुए पकड़ा गया था, और दीवार कूदने के दौरान उसे चोट लगी होगी। एसडीपीओ ने बताया कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और पुलिस किसी भी प्रकार के अनुचित व्यवहार में शामिल नहीं है।
मामला बना विवाद का विषय
यह घटना पुलिस और आरोपी के बीच एक बड़े विवाद का विषय बन चुकी है। पुलिस का दावा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं, जबकि आरोपी और उसके परिवार का कहना है कि पुलिस ने जबरन पैसे लेकर बर्बरता की है।
जांच के आदेश
इस मामले को लेकर पुलिस विभाग ने जांच शुरू कर दी है। उच्च अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अगर किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यशैली
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली और हिरासत में हो रही घटनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपी का दावा, उसके इलाज और पुलिस के बयान में विरोधाभास ने मामले को और जटिल बना दिया है।
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