सहरसा को सुंदर, स्वच्छ, स्वस्थ, विकसित और समृद्ध शहर बनाने के उद्देश्य से कोशी विकास संघर्ष मोर्चा द्वारा एक महापंचायत आयोजित की जाएगी। मोर्चा के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार झा और संरक्षक प्रवीण आनंद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस महापंचायत में शहर के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी।
श्री झा ने कहा कि सहरसा की जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए उन्होंने तीन बार आमरण अनशन किया, जिसे जन आंदोलन का रूप मिला। लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि महापंचायत के बाद अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठेंगे।
महापंचायत में उठाए जाने वाले प्रमुख बिंदु:
- ओवरब्रिज का निर्माण।
- सरकारी और निजी बस स्टैंड को शहर से बाहर करना।
- एफसीआई और एसएफसी गोदामों को बाजार क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित करना।
- व्यस्त सड़कों के पास स्थित धर्म कांटा को शहर से बाहर करना।
- सहरसा क्लब और गौशाला को पुनर्जीवित करना।
- मीट और मछली बाजार को स्कूल, कॉलेज और मंदिर क्षेत्रों से हटाकर अलग स्थान पर ले जाना।
- रेलवे रैक पॉइंट को आवासीय क्षेत्रों से बाहर करना।
- सुपर बाजार को व्यवस्थित करना।
महापंचायत का स्वरूप और आमंत्रण:
महापंचायत में सभी राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, पंचायती राज और नगर निगम के प्रतिनिधि, मेयर, वर्तमान और पूर्व जिला पार्षद, वार्ड आयुक्त, समाजसेवी, और अन्य प्रबुद्ध नागरिकों को आमंत्रित किया जाएगा। इस आयोजन में खुली परिचर्चा होगी, और समस्याओं पर गंभीर विचार-विमर्श किया जाएगा।
डोर-टू-डोर अभियान की तैयारी:
आमरण अनशन से पहले 46 वार्डों में डोर-टू-डोर आंदोलन चलाया जाएगा, जिसमें लोगों को इस पहल से जुड़ने का आह्वान किया जाएगा।
श्री झा ने कहा कि यदि शासन और प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देते, तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन आमरण अनशन का रूप ले लेगा। महापंचायत को शहर के नागरिकों से भरपूर समर्थन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि यह सहरसा के विकास और भविष्य से जुड़ा एक अहम मुद्दा है।
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