बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक लखीसराय जिले में आयोजित राज्य स्तरीय युवा उत्सव में सहरसा के युवा प्रतिभागियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से जिले का नाम रोशन किया। बीस प्रतियोगिताओं वाले इस उत्सव में सहरसा के प्रतिभागियों ने पहली बार तीन प्रमुख प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सबसे पहले, एकल लोकगीत नृत्य संगत में शिल्पी कुमारी और उनकी टीम, जिसमें श्रेया कुमारी, स्मृति सिंह, मनु कुमार, और सुषमा कुमारी शामिल थे, ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस प्रदर्शन ने सहरसा के सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद, समूह लोक नृत्य में राजलक्ष्मी-पंचगछिया के नेतृत्व में क्षमा कुमारी, शिल्पी कुमारी, रश्मि, श्रेया कुमारी, सुषमा कुमारी, स्मृति सिंह, मनु कुमार, गणेश सुतिहार, रंजन कुमार, और श्रेया कुमारी की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। यह पहली बार था जब सहरसा की टीम ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया।
वहीं, वक्तृता (भाषण) प्रतियोगिता में पूजा कुमारी ने उत्कृष्ट प्रस्तुति देते हुए तृतीय स्थान हासिल किया। उनकी प्रेरणादायक वक्तृता ने सहरसा का गौरव बढ़ाया और इस क्षेत्र की प्रतिभा को एक नई पहचान दी।
अन्य प्रतियोगिताओं में भी सहरसा के प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया। शास्त्रीय नृत्य (कथक) में सुषमा कुमारी और शास्त्रीय गायन में श्रेया कुमारी ने अपनी कला से मंच पर तालियों की गूंज बिखेरी। समूह लोकगीत में श्रेया कुमारी और एकल लोकगीत में स्मृति सिंह की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सहरसा के इन युवा कलाकारों को प्रशिक्षित करने वाले गुरु, सवंराजली के संस्थापक प्रोफेसर गौतम कुमार सिंह और प्रोफेसर भारती सिंह, ने अपनी सिखावन से इन कलाकारों को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया। उनके सानिध्य में इन प्रतिभाओं ने कला के विभिन्न आयामों में अपनी छाप छोड़ी।
इस सफल आयोजन में सहरसा टीम के प्रभारी संयोजक हरेन्द्र सिंह मेजर के नेतृत्व ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी अगुवाई में सहरसा ने राज्य स्तरीय युवा उत्सव में तीन पदक हासिल किए, जो जिले के लिए गर्व का क्षण है।
संगीत और नृत्य की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर जिले के सभी सांस्कृतिक संस्थानों, संगीत प्रेमियों और शिक्षाविदों ने प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। यह उपलब्धि सहरसा जिले की सांस्कृतिक विरासत और युवा प्रतिभा के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है।
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