सहरसा प्रखंड क्षेत्र के सोनवर्षा राज थाना अंतर्गत शाहपुर वार्ड 7 स्थित महादलित टोले में उस समय मातम छा गया, जब बीते गुरुवार से लापता 55 वर्षीय फुरण सादा का शव शनिवार की दोपहर धोबी पोखर से बरामद हुआ। शव मिलने की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई, और देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों ने शव को घर लाने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कीं। परिजनों के रुदन और गांव की मातमी फिजा ने हर किसी की आंखें नम कर दीं।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, फुरण सादा गुरुवार रात शौच के लिए घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। परिवार वालों ने उनकी तलाश हर जगह की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। शनिवार को स्थानीय गोताखोरों ने धोबी पोखर में जाल डालकर तलाशी शुरू की। काफी मशक्कत के बाद उनका शव पोखर से बरामद किया गया। शव मिलने के बाद पूरे टोले में शोक की लहर दौड़ गई।
परिवार का हाल
मृतक की पत्नी दुरो देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार बेहोश हो रही थीं और विलाप करते हुए कह रही थीं, "भगवान, अब किसके सहारे जीवन कटेगा?" गांव की अन्य महिलाएं दुरो देवी और परिवार को सांत्वना देने का प्रयास कर रही थीं। परिवार के अन्य सदस्य भी गहरे सदमे में हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही सोनवर्षा राज थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह दुर्घटना का मामला प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
गांव में शोक और सवाल
गांव में फुरण सादा की मौत से हर कोई स्तब्ध है। स्थानीय लोगों का कहना है कि धोबी पोखर के पास कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जिससे इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पोखर के किनारों पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाई जाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
गांव में शोकाकुल माहौल
घटना के बाद से महादलित टोले में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त कर रहा है। फुरण सादा अपने परिवार के लिए मुख्य सहारा थे, और उनकी असामयिक मृत्यु ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है।
पुलिस मामले की जांच में जुटी है और स्थानीय प्रशासन से भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की जा रही है। गांव के लोग अब भी इस हादसे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।
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