पश्चिम चंपारण, बिहार: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब कांड ने सनसनी फैला दी है। पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया थाना क्षेत्र के मठिया गांव में बीते दो दिनों के भीतर छह लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि इन मौतों का कारण जहरीली शराब का सेवन हो सकता है। घटना ने गांव में कोहराम मचा दिया है, वहीं प्रशासन की कार्रवाई और जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
एक ही गांव में 6 मौतें, ग्रामीणों में दहशत
मठिया गांव में गुरुवार से शनिवार तक संदिग्ध परिस्थितियों में छह लोगों की मौत हुई। मरने वालों में 35 वर्षीय प्रदीप गुप्ता, 42 वर्षीय सुरेश चौधरी, 22 वर्षीय मनीष चौधरी, 25 वर्षीय नेयाज अहमद, 60 वर्षीय शिवराम, और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। इनमें से कुछ की मौत घर पर ही हुई, जबकि कुछ ने इलाज के दौरान रास्ते में दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि मरने वाले सभी लोग शराब के आदि थे। ग्रामीणों ने जहरीली शराब को मौत का कारण बताया है। एक व्यक्ति के परिवार ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
मुंह से झाग और तबीयत बिगड़ने की एक जैसी कहानी
स्थानीय लोगों के अनुसार, मृतकों की तबीयत अचानक बिगड़ी। गुरुवार को प्रदीप गुप्ता की मौत हुई थी, जिसके बाद शनिवार को शाम से रात तक पांच और लोगों की हालत बिगड़ी। सभी की स्थिति में समानता देखी गई—मुंह से झाग आना, चक्कर आना, और अचानक बेहोश होना।
इनमें से कई लोगों को लौरिया पीएचसी ले जाया गया। गंभीर हालत के चलते उन्हें बेतिया के जीएमसीएच रेफर किया गया, लेकिन अधिकांश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: मौत के अलग-अलग कारण बताए
घटना के बाद प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लौरिया के एसडीएम सूर्यप्रकाश गुप्ता ने कहा कि मरने वालों में दो की मौत दमा और लकवे की वजह से हुई है। तीन अन्य की मौत कोल्ड डायरिया से बताई जा रही है। उन्होंने एक व्यक्ति की मौत का कारण शराब पीने सेl फेफड़ों के खराब होने की आशंका जताई है।
हालांकि, प्रशासन ने अभी तक जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं की है। एसडीएम का कहना है कि यह मामला संदिग्ध है और जांच की जा रही है।
ग्रामीणों का आरोप: जहरीली शराब है जिम्मेदार
ग्रामीणों ने प्रशासन के दावों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह स्पष्ट रूप से जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला है। एक मृतक के परिजन ने स्वीकार किया कि उनके भाई की मौत शराब पीने से हुई।
ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय स्तर पर अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही और शराबबंदी कानून के कमजोर क्रियान्वयन के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
गांव में दहशत और शोक का माहौल
घटना के बाद मठिया गांव में दहशत का माहौल है। एक ही गांव में लगातार छह मौतों ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है। गांव में शोक का माहौल है और लोग किसी अनहोनी की आशंका में डरे हुए हैं।
जहरीली शराब कांड: बिहार में क्यों नहीं रुक रही ऐसी घटनाएं?
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद जहरीली शराब कांड की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अवैध शराब के कारोबार और जहरीली शराब से मौतों की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।
राज्य सरकार ने शराबबंदी को एक सख्त कानून के रूप में लागू किया था, लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रशासन और कानून-व्यवस्था की विफलता के कारण शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।
मुआवजे और कार्रवाई की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों ने मृतकों के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
निष्कर्ष
मठिया गांव में हुए इस जहरीली शराब कांड ने एक बार फिर बिहार की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां प्रशासन मौत के अलग-अलग कारण बता रहा है, वहीं ग्रामीण इसे स्पष्ट रूप से जहरीली शराब से हुई त्रासदी मान रहे हैं। अब यह देखना होगा कि जांच के बाद क्या सच सामने आता है और क्या प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाता है।
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