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चंद्रा टाइम्स

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Bihar news : निगरानी का बड़ा एक्शन, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट इंजीनियर के ठिकानों पर छापेमारी


पटना, बिहार:  बिहार में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के ठिकानों पर एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई पटना स्थित निगम कार्यालय, बक्सर जिले के दुधानी गांव और पटना के पुनाइचक व वेड नगर जैसे इलाकों में की जा रही है।  

गोपनीय जानकारी के बाद हुई कार्रवाई

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह ने अपने और अपने परिवार के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की है। यह संपत्ति पटना और बक्सर दोनों जगह फैली हुई है। गुप्त जानकारी के आधार पर जांच शुरू की गई और प्रथम दृष्टि में यह आरोप सही पाया गया।  

इसके बाद निगरानी ब्यूरो ने 16 जनवरी 2025 को जंग बहादुर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(2) और 13(1)(बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त कर टीमों का गठन किया गया और छापेमारी शुरू की गई।

कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी

निगरानी टीम ने एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। बक्सर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के दुधानी गांव स्थित जंग बहादुर सिंह के पैतृक निवास, पटना जिले के रूपसपुर थाना क्षेत्र के वेड नगर मोहल्ला, पुनाइचक स्थित फ्लैट और निगम कार्यालय पर तलाशी ली जा रही है।  

छापेमारी में अब तक मिली संपत्तियां

छापेमारी के दौरान नकदी, निवेश से संबंधित दस्तावेज, आभूषण और अन्य महत्वपूर्ण अभिलेख बरामद किए गए हैं। यह तलाशी देर रात तक जारी रहने की संभावना है। टीम इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की गई है।  

निगरानी ब्यूरो का बयान

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने कहा है कि अब तक की जांच में आय से अधिक संपत्ति का पर्याप्त साक्ष्य मिला है। ब्यूरो का मानना है कि आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह संपत्ति जुटाई है। छापेमारी के दौरान मिले सभी दस्तावेजों और संपत्तियों की पूरी जांच के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।  

प्रतिक्रियाएं और आगे की कार्रवाई

इस बड़े छापेमारी अभियान ने बिहार में सरकारी विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर फिर से चर्चा छेड़ दी है। लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि भ्रष्टाचार सरकार की छवि और सार्वजनिक सेवा को नुकसान पहुंचा रहा है।  

राजनीतिक विशेषज्ञों और आम जनता का कहना है कि ऐसी कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में भय पैदा होगा। वहीं, कुछ लोग इसे सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में सकारात्मक कदम मानते हैं।  

अगले कदम

छापेमारी पूरी होने के बाद निगरानी ब्यूरो इन सभी संपत्तियों का आकलन करेगा और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर यह साबित हो जाता है कि संपत्तियां अवैध हैं, तो आरोपी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।  

इस मामले से बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई को मजबूती मिल सकती है। इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार और निगरानी विभाग भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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