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चंद्रा टाइम्स

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Bihar news : पिता की डांट से आहत छठवीं कक्षा की छात्रा ने की आत्महत्या, शव देख चीख पड़े परिजन



पूर्णिया (बिहार): बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी थाना क्षेत्र के लौटियाबाड़ी गांव में एक दुखद घटना सामने आई है, जिसमें पिता की डांट से आहत होकर एक छठवीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। मृतक छात्रा का शव मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया, और परिजनों की चीखें सुनकर आसपास के लोग भी सहम गए। यह मामला पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाला था, जहां परिवार के भीतर के विवाद ने एक किशोरी की जान ले ली।  

घटना की जानकारी
  
यह हादसा बायसी थाना क्षेत्र के लौटियाबाड़ी गांव में हुआ, जहां 12 वर्षीय रेशमा खातून नामक छात्रा ने अपने पिता की डांट के कारण कथित रूप से आत्महत्या कर ली। रेशमा, जो कक्षा छह की छात्रा थी, का शव उसके घर में पाया गया। परिवार के अनुसार, रेशमा के पिता मंजर आलम घर पर मिल (कुटीर उद्योग) चलाते हैं, और हाल ही में रेशमा को पढ़ाई में ठीक से ध्यान न देने के कारण उनके द्वारा डांटा गया था।  

परिजनों का बयान

रेशमा के माता-पिता ने बताया कि रेशमा पढ़ाई में लापरवाही दिखा रही थी, जिसके कारण उन्होंने उसे कई बार समझाया और डांटा था। इसके बाद रेशमा काफी दुखी हो गई थी। घटना के दिन रेशमा अकेली घर पर थी, जबकि उसके माता-पिता मिल में काम कर रहे थे। इस अकेलेपन का फायदा उठाकर रेशमा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।  

जब परिजनों ने रेशमा का शव देखा, तो घर में कोहराम मच गया। उसकी मां और पिता शव को देख दहाड़ मारकर रोने लगे, जिससे पूरा घर गमगीन हो गया। शव को देखकर परिजनों का दिल टूट गया और वे सदमे में थे।  

पुलिस कार्रवाई और जांच
  
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस ने इस मामले में यूडी (असामान्य मृत्यु) केस दर्ज किया और परिजनों से पूछताछ की। बायसी थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने बताया कि फिलहाल आत्महत्या के कारण के बारे में जो जानकारी सामने आई है, वह यह है कि रेशमा को उसके पिता की डांट से आहत होकर यह कदम उठाना पड़ा।  

पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे आत्महत्या के कारण के बारे में कुछ और जानकारी मिल सके। परिजनों की तरफ से किसी पर भी आरोप नहीं लगाया गया है।  

परिवार और समाज पर असर

यह घटना परिवार और समाज पर गहरा असर छोड़ने वाली है। एक युवा छात्रा की मौत केवल एक परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी पंचायत के लिए एक बड़ा धक्का है। रेशमा के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने उसे बहुत प्यार और देखभाल से पाला था, लेकिन पढ़ाई को लेकर हुई डांट ने उसे इतना आहत कर दिया कि उसने अपनी जान ले ली। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है।  

समाज में जागरूकता की जरूरत
  
इस घटना ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के अंदर होने वाली बातचीत पर विचार करने की आवश्यकता को भी बढ़ावा दिया है। बच्चों के ऊपर पढ़ाई का दबाव, परिजनों द्वारा लगातार की जा रही आलोचना, और मानसिक तनाव को समय रहते पहचानने और सुलझाने की जरूरत है। ऐसे मामलों में समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि कोई और बच्चा इस तरह की दुखद घटना का शिकार न हो।  

पुलिस का बयान और भविष्य की कार्रवाई
  
बायसी थाना के प्रभारी सुरेश प्रसाद ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी भी परिजन ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। फिलहाल, पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के पीछे के सभी पहलुओं का खुलासा किया जा सके।  

निष्कर्ष
 
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना महत्वपूर्ण है। परिवारों और समाज को बच्चों की भावनात्मक जरूरतों और तनावों को समझने की आवश्यकता है। यही समय है जब हमें इस तरह के मामलों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में किसी और बच्चे को ऐसी दुखद स्थिति का सामना न करना पड़े।

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