किशनगंज (बिहार): बिहार के किशनगंज जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सात फर्जी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। ये युवक पुलिस की वर्दी पहनकर सड़कों पर गाड़ियों को रोकते और वाहन चालकों से अवैध वसूली करते थे। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
सोंथा चौक पर दबोचे गए आरोपी
किशनगंज के कोचाधामन थाना क्षेत्र के सोंथा चौक में रविवार की रात पुलिस ने यह कार्रवाई की। आरोपी वर्दी पहनकर ड्यूटी का नाटक करते हुए गाड़ियों से अवैध वसूली कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए सातों युवकों में से एक युवक पुलिस की नेमप्लेट लगी वर्दी पहने हुए था, जिससे वे वाहन चालकों को अपनी असली पहचान के बारे में भ्रमित करते थे।
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी
किशनगंज के एसपी सागर कुमार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग सोंथा चौक के पास वाहनों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इसके बाद, पुलिस की एक टीम को मौके पर भेजा गया, जहां से आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने अपनी अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और उनकी पहचान की जा रही है।
जब्त की गई संदिग्ध गाड़ी
पुलिस ने घटना स्थल से एक आर्टिगा कार भी जब्त की है, जिस पर पुलिस का नेमप्लेट लगा हुआ था। पुलिस को संदेह है कि यह गाड़ी चोरी या लूट की हो सकती है। फिलहाल गाड़ी की जांच जारी है, और इसके असली मालिक का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
कैसे करते थे फर्जी पुलिसकर्मी वसूली?
आरोपियों की रणनीति बेहद चालाक थी। वे पुलिस की वर्दी पहनकर वाहनों को रोकते और चालान या दस्तावेज जांच के बहाने वाहन चालकों को डराते थे। इसके बाद, वे मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय था और कई वाहन चालकों को ठग चुका है।
स्थानीय प्रशासन की सख्ती
किशनगंज के एसएसपी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। एसपी सागर कुमार ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि फर्जी पुलिसकर्मियों के कारण आम जनता में असली पुलिस पर भी सवाल उठ सकते हैं। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और इस गिरोह के सभी सदस्यों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोग हैरान हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "फर्जी पुलिसकर्मियों का यह कृत्य बेहद शर्मनाक है। यह न केवल जनता को ठगने का मामला है, बल्कि पुलिस की छवि को भी खराब करता है।"
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसी घटनाओं की तुरंत सूचना दें। यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध रूप से वर्दी में दिखे या कोई गाड़ी पुलिस नेमप्लेट के साथ दिखाई दे, तो इसकी जानकारी नजदीकी थाने में दें।
निष्कर्ष
किशनगंज में फर्जी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी से एक बड़े अपराध गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यह मामला पुलिस की सतर्कता और सही समय पर कार्रवाई का उदाहरण है। फिलहाल पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। जनता को भी इस प्रकार की घटनाओं से सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि इस तरह के अपराधों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
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