नई दिल्ली/पटना: लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने संकेत दिए हैं कि वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाग नहीं लेगी। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि आरजेडी अपनी पूरी ताकत बीजेपी विरोधी दलों के समर्थन में लगाएगी। औपचारिक घोषणा 18 जनवरी को पटना में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में की जाएगी।
दिल्ली चुनावों से दूरी का कारण
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली चुनावों में आरजेडी की भागीदारी से पीछे हटने का बड़ा कारण कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीट बंटवारे पर सहमति न बन पाना है। दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता ने अन्य विपक्षी दलों के लिए सीटों का स्थान छोड़ना मुश्किल बना दिया है।
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, आरजेडी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली। इसे देखते हुए पार्टी ने इस बार चुनाव लड़ने से बचने का फैसला किया है।
तेजस्वी यादव का बयान और इंडिया अलायंस की रणनीति
बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक बयान देकर विपक्षी गठबंधन इंडिया अलायंस को लेकर चर्चाओं को जन्म दिया। उन्होंने कहा था कि इंडिया अलायंस का गठन मुख्य रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से लड़ने के लिए किया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल महागठबंधन के तहत अभी भी एकजुट हैं।
तेजस्वी के इस बयान को विपक्षी एकता में दरार के रूप में देखा गया। सत्तारूढ़ बीजेपी और जेडीयू ने इसे विपक्ष के भीतर गहरे मतभेद का संकेत करार दिया।
बीजेपी विरोधी ताकतों का समर्थन
आरजेडी के पार्टी पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पार्टी का ध्यान बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्षी गठबंधन बनाने पर है। दिल्ली में पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन बीजेपी विरोधी दलों को समर्थन देकर उनकी जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगी।
पार्टी की पिछली परफॉर्मेंस और आगे की योजना
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आरजेडी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इससे पहले पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में एक सीट जीती थी। इस बार पार्टी ने अपनी ऊर्जा और संसाधन अन्य बीजेपी विरोधी दलों के समर्थन में लगाने का फैसला किया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने हैं और मतगणना 8 फरवरी को होगी। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में इस बार मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है।
आरजेडी का बिहार में फोकस
आरजेडी ने यह भी संकेत दिया है कि पार्टी बिहार में महागठबंधन के तहत काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल मिलकर 2024 के चुनावों में बीजेपी को हराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनावों से आरजेडी का किनारा करना विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारे और रणनीति के बदलाव का संकेत है। पार्टी ने अपने संसाधनों को अधिक प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने के लिए यह फैसला लिया है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी विरोधी दलों का समर्थन करके आरजेडी कितना प्रभाव डाल पाती है।
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