मुजफ्फरपुर (ब्यूरो रिपोर्ट): बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक दुखद सड़क हादसा सामने आया है, जिसमें एक शिक्षिका की मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब शिक्षिका बच्चों को स्कूल छोड़कर घर लौट रही थी। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने सड़क को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया। घटना ने जिले के पानापुर थाना क्षेत्र के खरिका चौक पर नेशनल हाईवे 27 पर गंभीर सवाल उठाए हैं, और यह सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर एक बड़ा संदेश दिया है।
सड़क हादसे में शिक्षिका की मौत
घटना के अनुसार, शिक्षिका रूही फातमा (40) जो पानापुर थाना क्षेत्र के मुधुबन गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं, अपने स्कूल से बच्चों को पढ़ाकर देर शाम घर लौट रही थीं। जब वह सड़क को पार कर रही थीं, तभी एक मिक्सचर मशीन (मिक्सर गाड़ी) ने उन्हें रौंद दिया। यह हादसा तब हुआ जब वह ऑटो से उतर कर सड़क पार करने की कोशिश कर रही थीं। घटनास्थल पर ही शिक्षिका की मौत हो गई।
घटना के बाद आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए और हंगामा करते हुए सड़क को जाम कर दिया। उन्होंने दुर्घटना के खिलाफ जोरदार विरोध जताया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
ऑ टो से उतरते ही हुआ हादसा
शिक्षिका के परिजन, मो. इकबाल ने इस हादसे के बारे में बताते हुए कहा कि वह हर दिन बच्चों को पढ़ाकर घर लौटती थीं। लेकिन इस दिन, जब वह देर शाम घर लौट रही थीं, तो एक मिक्सचर मशीन वाली गाड़ी ने उन्हें रौंद दिया। जानकारी के अनुसार, जब शिक्षिका ऑटो से उतरी, तो वाहन चालक गाड़ी को बैक कर रहा था और शिक्षिका को रौंदते हुए भाग निकला। यह दृश्य आसपास के लोगों के लिए बेहद चौंकाने वाला और दर्दनाक था।
घटना स्थल और पुलिस कार्रवाई
यह दुखद घटना पानापुर ओपी क्षेत्र के खरिका चौक पर नेशनल हाईवे 27 पर हुई। पुलिस को घटनास्थल पर सूचना मिलने के बाद तुरंत पहुंची और लोगों को समझाकर सड़क जाम हटवाया। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए एसकेएमसीएच (सिविल सर्जन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) भेज दिया गया।
पानापुर थाने के प्रभारी अभिषेक कुमार गुप्ता ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि "पिपराहा की निवासी एक शिक्षिका अपने स्कूल से लौट रही थीं। इस दौरान ऑटो से उतरने के बाद यह हादसा हुआ, जिसमें उनकी मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोग गुस्से में थे और उन्होंने सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।"
सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन
हादसे के बाद इलाके में माहौल गरम हो गया। शिक्षिका की मौत से दुखी और गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने सड़क को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन किया। उनके आक्रोश का मुख्य कारण यह था कि चालक ने वाहन को भागने का प्रयास किया, जबकि वह पूरी घटना का गवाह था।
प्रदर्शनकारियों ने घटना को लेकर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की और वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा के उपायों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और सड़क सुरक्षा
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन और अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन समय रहते सड़क सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करता तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, और वाहनों की तेज गति और लापरवाही के कारण ऐसी दुर्घटनाएं हो रही हैं।
मृतक शिक्षिका के परिवार का दुख
शिक्षिका के परिवार वाले इस हादसे से सदमे में हैं। उनके परिजनों ने बताया कि रूही फातमा एक ईमानदार और कड़ी मेहनत करने वाली शिक्षिका थीं। उनके निधन से परिवार और समुदाय में शोक की लहर है। परिवार के सदस्य न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि आरोपी चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
निष्कर्ष
इस दुखद घटना ने सड़क सुरक्षा की गंभीर आवश्यकता को और अधिक उजागर किया है। जहां एक ओर यह घटना एक निजी त्रासदी बन गई है, वहीं दूसरी ओर यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि सड़क पर सुरक्षा के मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करे, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और जनता का विश्वास बहाल किया जा सके।
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