पटना: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव को 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शनिवार को एक अनजान नंबर से सांसद को कॉल किया गया, जिसमें उन्हें पैसे नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। इस घटना ने न केवल बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि सांसद और उनके परिवार की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
फोन पर धमकी और एफआईआर दर्ज
सांसद संजय यादव ने इस संबंध में पटना के सचिवालय थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि कॉल करने वाले व्यक्ति ने बेहद आक्रामक लहजे में उनसे 20 करोड़ रुपये की मांग की। जब उन्होंने इस मांग को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तो कॉलर ने उन्हें और उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
पटना पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि कॉलर की पहचान करने और उसकी लोकेशन ट्रेस करने के प्रयास जारी हैं। साइबर क्राइम सेल भी इस जांच में शामिल है। पुलिस का कहना है कि कॉलर की पहचान होते ही उसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
आरजेडी नेताओं का बयान
इस घटना पर आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बयान दिया और इसे पार्टी पर दबाव बनाने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, "सांसद संजय यादव और उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर हम बेहद चिंतित हैं। हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हरियाणा के डीजीपी को इस घटना की जानकारी दी है और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। यह एक गंभीर मामला है, और हम चाहते हैं कि इसमें सख्त कार्रवाई की जाए।"
तेजस्वी यादव के करीबी और पार्टी में प्रभावशाली
संजय यादव आरजेडी के प्रभावशाली नेता और तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। हरियाणा निवासी संजय यादव तेजस्वी के निजी सलाहकार भी रह चुके हैं। उन्होंने पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और पिछले साल जब पार्टी ने कई वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर संजय यादव को राज्यसभा भेजा था, तब यह फैसला सियासी गलियारों में काफी चर्चा का विषय बना था।
सांसद की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद सांसद और उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार की कानून व्यवस्था पर निशाना साधा है। हालांकि, आरजेडी ने इसे पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश बताया है। आरजेडी नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखना चाहिए और संजय यादव की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
पुलिस की प्राथमिक जांच
पटना पुलिस ने बताया कि धमकी भरे कॉल के संबंध में साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है। कॉलर की लोकेशन ट्रैक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में इस बात का संकेत मिला है कि कॉल किसी दूसरे राज्य से किया गया हो सकता है। पुलिस का कहना है कि यह मामला गंभीर है और इसे जल्द सुलझाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
सियासी गलियारों में हलचल
इस घटना के बाद बिहार के सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का नतीजा बताया है। बीजेपी के कुछ नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक सांसद को धमकियां मिल सकती हैं, तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या हाल होगा?
निष्कर्ष
संजय यादव से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग ने बिहार में कानून व्यवस्था और राजनेताओं की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और मामले की निष्पक्ष जांच से ही इस घटना के पीछे के असली आरोपियों का पर्दाफाश हो सकेगा। वहीं, संजय यादव और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करना इस वक्त सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है।
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