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चंद्रा टाइम्स

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Purnia news : नेग के नाम पर नवजात की मौत: बिहार के पूर्णिया में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला


पूर्णिया, बिहार
:  बिहार के पूर्णिया जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी है, जिसमें एक नर्स की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण नवजात की जान चली गई। यह घटना पूर्णिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में हुई, जहां नर्स ने अपने नेग के रूप में 2000 रुपये की मांग की थी। रुपये ना मिलने पर नर्स ने नवजात को 25 मिनट तक मेज पर पड़ा रहने दिया, और इसी दौरान नवजात की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, जिसके बाद जीएमसीएच के अधीक्षक ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है।  

घटना का विवरण
 
अररिया जिले के महलगांव थाना क्षेत्र के बेगना गांव के निवासी प्रीतम विश्वास ने बताया कि पिछले गुरुवार दोपहर उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। वह अपनी पत्नी को लेकर पूर्णिया जीएमसीएच पहुंचे, जहां अस्पताल के स्टाफ ने उनकी पत्नी को भर्ती तो किया, लेकिन इलाज में लापरवाही बरती। घटना के अनुसार, जब गुरुवार रात 9 बजे उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया, तो नर्स ने 2000 रुपये नेग की मांग की। परिवार के पास उस समय यह राशि नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने नर्स को 100 रुपये दिए, लेकिन नर्स ने 100 रुपये को नकारते हुए उसे फेंक दिया और नवजात को कपड़े में लपेटकर मेज पर रख दिया।  

इस दौरान नर्स नवजात को इलाज के लिए नहीं ले गई और खुद वहां से गायब हो गई। नवजात की हालत बिगड़ने पर परिवार ने अपनी ओर से पैसे जुटाने की कोशिश की और नर्स को 2000 रुपये दिए, लेकिन तब तक नवजात की स्थिति खराब हो चुकी थी। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।  

परिजनों का हंगामा
 
नवजात की मौत के बाद परिवार के लोग बेहद दुखी और आक्रोशित हो गए। उन्होंने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। डॉक्टर और जीएमसीएच प्रशासन के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन परिजन अपनी संतुष्टि के लिए नर्स पर कार्रवाई की मांग करते रहे। हंगामे के दौरान अस्पताल के अधीक्षक, डॉक्टर तारकिशोर और पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को शांत करने की कोशिश की। बाद में परिजनों से लिखित आवेदन मांगा गया।  

जीएमसीएच प्रशासन की कार्रवाई
  
घटना के बाद, जीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने आरोप लगाया कि नर्स की असंवेदनशीलता और लापरवाही के कारण नवजात की जान गई है और वे इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।  

समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
 
यह घटना न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी और लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं की भी बड़ी परीक्षा है। जहां एक ओर एक नवजात को जीवन की शुरुआत मिलनी थी, वहीं नर्स के नेग लेने की जिद ने उसकी जान ले ली। यह मामला अस्पतालों में कार्यरत स्टाफ की असंवेदनशीलता और लापरवाही को लेकर सवाल खड़े करता है।  

अस्पतालों में मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता

इस घटना ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बुरी तस्वीर पेश की है, जहां एक नर्स ने एक नवजात की जान लेने के बदले पैसे की मांग की। यह घटना समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय है और यह दिखाता है कि कैसे अस्पतालों में कार्यरत कुछ लोग अपनी जिम्मेदारी से भटक कर मानवीय संवेदना को दरकिनार कर सकते हैं। इस घटना से स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।  

इस दुखद घटना के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी नर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि ऐसे घिनौने कृत्यों को रोकने में मदद मिल सके।

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