Live

6/recent/ticker-posts

चंद्रा टाइम्स

चंद्रा टाइम्स

Saharsa News : मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर का उजाला: सखी बहिनपा मैथिलानी समूह ने मकर संक्रांति पर किया सामाजिक सेवा का अनुकरणीय कार्य

क्या आप अपने शहर और गाँव की सभी खबरों से जुड़े रहना चाहते हैं? तो गूगल में "चंद्रा टाइम्स ऐप" सर्च करें और इसे अपने फोन में डाउनलोड करें! 


मिथिला की धरती हमेशा से अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और लोक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध रही है। इन परंपराओं को न केवल संजोने, बल्कि उनके माध्यम से समाज में सहयोग, सहानुभूति और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करने का कार्य सहरसा जिले की सखी बहिनपा मैथिलानी समूह द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष मकर संक्रांति के पावन अवसर पर, इस समूह ने सामाजिक सेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

समाजसेवा और सांस्कृतिक परंपराओं का अद्वितीय संगम

समूह ने ठंड से जूझ रहे गरीब और वंचित परिवारों के बीच कंबल वितरण किया। इसके अलावा, मकर संक्रांति के विशिष्ट पारंपरिक व्यंजन लाइ मुरही और चूड़ा का वितरण कर पर्व की सामूहिकता और आपसी सद्भावना को और गहराई से उजागर किया। कार्यक्रम में समूह की सक्रिय महिला सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समूह की संयोजिका नमिता झा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य समाज के जरूरतमंद वर्गों तक सहायता पहुंचाने के साथ-साथ मिथिला की सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखना भी है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य केवल आर्थिक मदद करना नहीं है, बल्कि सहयोग, सहानुभूति और भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करना है।"

कंबल और पारंपरिक भोज का वितरण

सर्दियों की ठिठुरती ठंड के बीच गरीब परिवारों के बीच कंबल वितरित कर उन्हें राहत पहुंचाई गई। साथ ही, मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर चूड़ा और मुरही जैसे पारंपरिक व्यंजनों का वितरण किया गया। इन व्यंजनों के माध्यम से न केवल पर्व की महत्ता साझा की गई, बल्कि लोगों को एकजुट करने और मिथिला की सांस्कृतिक एकता को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया।

समूह की महिलाओं की सक्रियता

इस आयोजन में समूह की महिला सदस्य सक्रिय रूप से शामिल रहीं। नमिता झा, अंजू झा, महिसी मुखिया सोनी कुमारी, किरण दीदी, पुनिता झा, प्रियंका झा, कुमारी किरण, एंकी पाठक, नुतन झा, पुतुल चौधरी, किशोरी चौधरी, रंजु झा, और सोनी कुमारी ने अपनी मेहनत और समर्पण से इस आयोजन को सफल बनाया। इनके साथ स्थानीय प्रतिनिधि और समाजसेवी जैसे कल्पना ठाकुर, मुन्ना झा, भगवान रॉय, पिंकू मिश्रा, कौशल क्रांतिकारी, राजेश ठाकुर, जय राम मेहता और चंदा दीदी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम

इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया गया। उपस्थित लोगों ने सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की इस पहल की भरपूर सराहना की। उन्होंने इसे न केवल सामाजिक सेवा का उदाहरण बताया, बल्कि एक ऐसा कदम भी कहा, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने यह अनुभव किया कि जब सामूहिक प्रयास और सेवा की भावना एक साथ मिलती है, तो समाज में बदलाव की लहर उत्पन्न की जा सकती है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को सजीव रखते हुए समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना एक सशक्त संदेश है।

मिथिला की सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान

मकर संक्रांति जैसे पारंपरिक त्योहार पर आयोजित यह कार्यक्रम केवल दान और मदद तक सीमित नहीं रहा। यह कार्यक्रम मिथिला की सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने का एक प्रयास भी था। चूड़ा और मुरही जैसे व्यंजनों के वितरण ने इस पहल को और भी अधिक सार्थक बना दिया।

भविष्य के लिए प्रेरणा

सखी बहिनपा मैथिलानी समूह द्वारा किया गया यह कार्य केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि आने वाले समय के लिए एक प्रेरणा है। समाज के वंचित वर्गों तक मदद पहुंचाने के साथ-साथ सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने की यह कोशिश अन्य संगठनों और व्यक्तियों को भी इसी दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।

समाज में एकजुटता का संदेश

यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि अगर समाज के लोग एकजुट होकर कार्य करें, तो न केवल जरूरतमंदों की मदद की जा सकती है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहरों को भी संरक्षित किया जा सकता है। सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की इस पहल ने मकर संक्रांति के अवसर पर मिथिला की सांस्कृतिक पहचान को उजागर करते हुए सामाजिक सेवा का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

इस आयोजन के सफल समापन ने यह संदेश दिया कि सामूहिक प्रयासों से समाज में बदलाव की संभावनाएं अनंत हैं ।



 Bihar की हर खबर के लिए जुड़े रहिए Chandra Times के साथ… साथ हीं हर खबर से जुड़े रहने के लिए Chandra Times का News APP जरूर डाउनलोड कर लें

Post a Comment

0 Comments